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कर्नाटक के उडुपी जिले में स्थित मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एक प्रोफेसर सस्पेंड कर दिया गया है. प्रोफेसर पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर एक स्टूडेंट को 'आतंकवादी' कहा था. सोशल मीडिया पर इस मामले से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़ित छात्र प्रोफेसर द्वारा 'आतंकी' कहे जाने पर उससे बहस कर रहा है. हालांकि, इस वीडियो में आगे देखा जा सकता है कि प्रोफेसर अपने इस बर्ताव के लिए छात्र से माफी भी मांग लेता है. माना जा रहा है कि इंस्टीट्यूट ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रोफेसर को पढ़ाने से रोक दिया है.
Manipal University ने इस घटना की निंदा की है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं. MIT एक अधिकारी ने कहा, 'लेक्चरर के क्लास लेने पर रोक लगा दी गई है. इस मामले की जांच के लिए एक इंक्वायरी टीम का गठन किया गया है.'
कर्नाटक का ये वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो गया और लोगों ने एक समुदाय के खिलाफ बयानबाजी को लेकर प्रोफेसर की आलोचना की है. यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक स्वैन ने इस वीडियो को शेयर किया. उन्होंने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'भारत में क्लासरूम के भीतर एक प्रोफेसर एक मुस्लिम छात्र को 'आतंकवादी' कह रहा है. ये दिखाता है कि भारत में अल्पसंख्यक होना क्या है.'
वीडियो में क्या कहा गया?
दरअसल, प्रोफेसर ने कथित तौर पर छात्र को 'कसाब' कहा, क्योंकि उसका नाम कुछ ऐसा ही था. आतंकी अजमल कसाब 26/11 मुंबई हमलों का गुनहगार था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी. वहीं, खुद को 'कसाब' कहे जाने पर छात्र नाराज हो गया और उसने प्रोफेसर से बहस शुरू कर दी. इसके बाद प्रोफेसर ने माफी मांग ली.
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