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सीएम का चेहरा होंगी प्रियंका गांधी!

Admin2
8 Jun 2021 5:34 AM GMT
सीएम का चेहरा होंगी प्रियंका गांधी!
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यूपी में प्रियंका के नेतृत्व में लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव

स्वर्गीय श्री मति इंदिरा गांधी ने 1984 श्रीनगर के दौरे के समय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माखनलाल फोतेदार के यहां स्पष्ट रूप से कहा था कि हमारे परिवार में सबसे ज्यादा करिशमाई और चमकदार सितारा प्रियंका गांधी होंगी इस तरीके की भविष्यवाणी कांग्रेस की ओजस्वी नेता शहीद स्वर्गीय श्री मति इंदिरा गांधी ने की थी।

अधिकांश प्रदेश कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं

ने अपनी सहमति लगभग जताई और हो भी क्यों ना उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई हुई जमीन और नेताओं का जनाधार वापस लाने के लिए सिर्फ एकमात्र आशा की किरण दिख रही है वह प्रियंका गांधी


पप्पू फरिश्ता

उत्तर प्रदेश की राजनीतिक में कांग्रेस पार्टी ने अपने सबसे संवेदनशील और चर्चित चेहरे को पार्टी की बागडोर सौंपकर पार्टी की खोए जनाधार को दोबारा हासिल करने की ओर कदम बढ़ाया है। प्रियंका गांधी वाड्रा जनता के बीच कांग्रेस को मजबूती से खड़ा करने के काम को बखूबी अंजाम की ओर ले जा रही हंै। अगर राजनीतिक पंडितों ने कोई गुणा भाग नहीं किया और प्रियंका गांधी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश चुनाव कांग्रेस ने गंभीरता से लड़ लिया तो यह कहना भी झूठ नहीं होगा कि अगली सरकार उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में ही बनेगी। प्रियंका गांधी ने वर्तमान भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ लगातार हर मौकों पर धरना-प्रदर्शन, किसान आंदोलन व सड़क की लड़ाई लड़ी। चाहे वह लखनऊ बाराबंकी व बहराइच का मामला हो या गाजियाबाद का मामला । मथुरा का मामला हो या फतेहपुर का मामला। इसी तरह सीतापुर, बुलंदशहर, ललितपुर हो गोंडा का मामला हो या फिर मेरठ का मामला, हर आंदोलन को के जरिए प्रियंका गांधी ने शिद्दत से गंभीरता के साथ राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर कांग्रेस को सक्रिय करने का काम किया और प्रदेश के सभी नेताओं को बौना साबित कर दिया। अधिकांश कांग्रेश के प्रथम पंक्ति के नेताओं ने लगभग अपनी सहमति जताई है और क्यों न हो कांग्रेस की खोई हुई जमीन और जनाधार वापस लाने की ताकत सिर्फ प्रियंका गांधी में है।

कांग्रेस के शुभचिंतक राजनीतिक पंडितों का नजरिया

गांधी परिवार का कोई चेहरा क्या मुख्यमंत्री नहीं हो सकता? इस सवाल पर गंभीरता से कांग्रेस को मंथन करना चाहिए और आगामी चुनाव कांग्रेस को अकेले व प्रियंका के नेतृत्व में लडऩे का साहस दिखाना चाहिए। जरूरी नहीं है कि नेहरू परिवार से कोई प्रधानमंत्री पद के लिए ही चुनाव में आए, कुछ कदम उत्तर प्रदेश से भी उठाए जा सकते हैं हमेशा देखने में आया कि प्रधानमंत्री ज्यादातर उत्तर प्रदेश से ही बनते हैं ऐसे में क्या प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव में नहीं जाया जा सकता है। इस चुनाव में प्रियंका गांधी को मुख्य चेहरा बनाकर कांग्रेस पार्टी गंभीरता से चुनाव लड़े तो इसमें कोई शक नहीं कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सरकार न बने। वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी अपने जुमलो के कारण बहुत ही बुरी तरह से मात खा गई है और कमोबेश पूरे उत्तर प्रदेश में मल्हार समाज, पासी समाज, मुस्लिम समाज ओबीसी का बड़ा वर्ग और ब्राह्मण समाज कांग्रेश्स की और बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं और यह सिर्फ इसलिए क्योंकि उनको प्रियंका गांधी के रूप में एक मजबूत और दमदार नेतृत्व मिलने की आशा है। हर परिस्थितियों में प्रियंका गांधी ने अपने अंदाज से पैगाम दिया के वह जमकर राजनीति में कदम रखना चाहती है और गंभीर राजनीतिक विषयों पर उनकी बेबाक टिप्पणी असरकारक रहती है यही नहीं समय-समय पर प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया है और माकूल प्रश्न पूछ कर देश के सामने भारतीय जनता पार्टी को और नरेंद्र मोदी को बुरी तरीके से लताड़ा। इसके अलावा प्रियंका गांधी ने यह बताने की भी कोशिश की कि वह राजनीति में बड़ी गंभीरता से जमकर कदम रखकर अपने एक एक पांव को आगे बढ़ा रही है पुराने दिनों की बात अगर याद करें तो प्रियंका गांधी ने 2016 में सबको चौंका दिया था अपने दादी इंदिरा गांधी जी की वह साड़ी पहनी थी जो साड़ी 1966 में इंदिरा जी ने वाशिंगटन डीसी में पहनी थी उस साड़ी को पहनकर इनका गांधी ने अजिताभ बच्चन की बेटी की शादी में शरीक होकर सब को संदेश दिया कि वह मजबूती के साथ राजनीति में कदम रखेंगी।

यूपी में गुंडा अभियान या महिलाओं के उत्पीडऩ के मामले में सबसे ज्यादा आंदोलन धरना प्रदर्शन और अपनी बात को बेबाकी से रखा है वह काम यूपी के एकमात्र चर्चित चेहरा ही कर सकता यह उसने साबित किया।

यूपी के अधिकतर कांग्रेसी नेता अपनी जमीन को बचाए रखने में कामयाब नहीं हुए। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष लल्लू भी पूरे प्रदेश में पहुंचकर अपनी काबिलियत साबित करने के लिए लगे हुए हैं लेकिन अभी उनको उतना समय नहीं मिला अधिकतर समय प्रियंका गांधी के साथ दौरा कर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं ऐसे में पूरे प्रदेश की स्थिति को देखते हुए और अधिकांश यूपी की राजनीति को समझने वालों के हिसाब से यह देखने में मिला है कि सामाजिक क्षेत्र में हर समाज अब भारतीय जनता पार्टी से अपना दूरी बनाते जा रहा है जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी की प्रियंका गांधी को मिल सकता है। प्रियंका गांधी के लिए ब्राह्मण समाज, मल्हार समाज, पासी समाज, ओबीसी पिछड़ा वर्ग समाज का बड़ा वर्ग तथा मुस्लिम समाज जो यूपी की राजनीति में अच्छी खासी दखल रखता है, हर तरीके से प्रियंका गांधी को आगे लाने के लिए आतुर दिख रहा है।

योगी आदित्यनाथ के लिए चुनौती, उपचुनाव

जनता से रिश्ता ने 45 जिलों की सामाजिक संगठनों की सर्वे में यह पाया कि अधिकांश समाज वर्तमान सरकार से उब चुका है और वर्तमान सरकार के वादों को सुन सुन कर थक चुका है। यूपी से गुंडाराज खत्म कर दूंगा, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा और यूपी मैं सबसे अच्छे हॉस्पिटल और स्कूल होंगे समय रहते सब बातों की पोल खुल गई। अब सामाजिक स्तर पर इन सब चीजों का मूल्यांकन हो रहा है और मूल्यांकन होना भी चाहिए क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तय होगी। चुनाव में अब कुछ ही दिनों की देरी है ऐसे में कोविड-19 के चक्कर में वर्तमान 14 से 16 विधायकों ने अपनी जान गवाई हैं और आने वाले कुछ दिनों में 14 से 16 विधानसभा चुनाव का मध्यावधि चुनाव भी होगा इस स्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बहुत खतरनाक समय राजनैतिक दौर में देखा जा रहा है अभी राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना बहुत मुश्किल है लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार अगर विधान सभाओं के माध्यम से चुनाव होते हैं और प्रियंका गांधी इसी तरीके से आगे बढ़ती रही तो यह कहना मुश्किल नहीं कि प्रियंका गांधी ही प्रदेश की मुख्यमंत्री के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा माना जाएगा।

प्रियंका कांग्रेस की अनिवार्यता

कांग्रेस पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं के आवाज सुनना चाहिए यूपी में वर्तमान समय में प्रियंका गांधी का डंका बज रहा है, हर हाल में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी आलाकमान किसी भी कीमत पर सपा बहुजन या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से समझौता करने के पक्ष में किसी भी जिले के कार्यकर्ता का मूड अब दिखाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस पार्टी को अगर चुनाव में उपस्थिति बनाए रखना है और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गंभीर चेहरे की आकर्षण एवं राजनीतिक चेहरे एवं जरूरत होगी तब तो यह यूपी के विधानसभा चुनाव में फार्मूला उपयोग करना ही पड़ेगा। बंगाल और केरल की तरह समझौता कर पार्टी को गर्त में लेजाकर खत्म करने जैसा कार्य फिर ना हो पाए यह भी कांग्रेस आलाकमान को देखना होगा।

कांग्रेस पार्टी में सबसे चर्चित, गंभीर चेहरा उस परिवार से है जिसने देश के लिए बलिदान देकर अपनों का खून बहाया और कांग्रेस पार्टी को भी खड़ा किया। राजनीतिक समझने वाले पंडितों का कहना है कि प्रियंका गांधी दबे पांव और चुपचाप कुछ काम नहीं करती वह खुलकर राजनीतिक में जम कर कदम रखना चाहती है और उनका अंदाज पूरे महामारी के कोरोना कॉल में देखने को मिला। महामारी के समय यूपी के अस्पतालों की दुर्दशा और दवाइयों की किल्लत, डॉक्टरों की कमी, ऑक्सीजन की कमी सभी मुद्दों पर योगी सरकार को लगातार घेरा और खूद भी लोगों को मदद पहुंचाती रहीं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट में भी स्पष्ट किया कमला हैरिस 2020 में अमेरिका की पहली उप राष्ट्रपति बनी तब उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा आज से 50 साल पहले इंदिरा जी एक महिला देश की प्रधानमंत्री बनी। इंदिरा गांधी जी का साहस व सामथ्र्य पूरे विश्व भर में महिलाओं को हमेशा प्रेरित करेगी। 19 नवंबर 2020 को प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर अकॉउंट में इंदिरा जी के जयंती पर कोंग्रेसजनों को याद दिलाया था। इस तरीके से प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर से ये स्पष्ट संकेत दिया था कि जब उनकी दादी इंदिरा गांधी देश की पहली प्रधानमंत्री बन सकती है मैं भी अपनी आत्मशक्ति, सूझबूझ, लगन और मेहनत से हर प्रकार का नेतृत्व करने को तैयार हूं। प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट से ही ये साफ़ कर दिया कि वो राजनीति में आकर कांग्रेस को एक नया भविष्य देगी।

यूपी की जनता भी जुमलेबाजो से आवश्यक सेवाओं के अभाव से भुखमरी से और अस्पताल और दवाइयों के बेतहाशा त्रस्त करने वाले महंगाई से ऊब चुकी है यूपी की जनता में अब परिवर्तन की लहर का माहौल बन पड़ा है। अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी इस परिवर्तन की लहर को बंगाल के तर्ज पर ममता बनर्जी को ताजपोशी कराने के जैसा अखिलेश को ताजपोशी ना करा दे यही डर हर कांग्रेसी को सता रहा है। यहां तक कि प्रियंका गांधी के इर्द-गिर्द रहने वाले सभी राजनीतिक पंडित और रणनीतिकार का भी डर है कि अगर कांग्रेस पार्टी इस तरीके का निर्णय लेंगे तो आगामी चुनाव को यह मांग के चला जाए कि केरल और बंगाल जैसा हाल कांग्रेस पार्टी का यूपी में भी होगा प्रियंका गांधी अपनी लोकप्रियता को पहचान कर चुनाव में कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा बनती है। तो इसमें कोई दो मत नहीं के आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी सत्ता की भागीदार रहेंगी और प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री बनेंगे सभी राजनीतिक पंडितों का कुल मिलाकर अभी तक यही सार नजर आ रहा है।

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