x
आजमगढ़ में पुलिस पर हमला करने वालों पर कार्रवाई के खिलाफ हुई
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले (uttar pradesh Azamgarh) के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में करीब एक हफ्ते पहले पुलिस के जवानों पर हुए हमले और आरोपियों के घरों में तोड़फोड़ के मामले में कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (priyanka gandhi) के ट्वीट के बाद आजमगढ़ में 'दलित उत्पीड़न' को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के अलावा भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी भी इस मामले को लेकर आक्रामक हो गई हैं.
वहीं बीजेपी ने इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग ट्वीट करते हैं, उन्हें घटना की पड़ताल करनी चाहिए और भ्रम नहीं फैलाना चाहिए.
एसपी का कहना इस मामले में राजनीति उचित नहीं
कांग्रेस पार्टी दलितों के पुलिस उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर दलितों के साथ पलिया गांव में धरने पर बैठ गई है. भीम आर्मी भारत एकता मिशन के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने 19 जुलाई को पलिया गांव पहुंचकर पीड़ितों को न्याय दिलाने की घोषणा की है. वहीं दूसरी तरफ आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस पर हमला हुआ है और इस मामले में राजनीति उचित नहीं है.
प्रियंका गांधी ने कहा- दोषियों पर तत्काल हो कार्रवाई
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था कि'आजमगढ़, रौनापार के पलिया गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमला करने की खबर आ रही है. वहां कई मकानों को तोड़ा गया, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है. दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए.'
वहीं दो दिन पहले आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया था कि,'जिला आजमगढ़, ग्राम पलिया के प्रधान मुन्ना पासी जी के घर पर की गई तोड़-फोड़ प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है. योगी जी दलितों पर आपकी पुलिस द्वारा किया गया अत्याचार दलित समाज भूलेगा नहीं. मैं 19 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने खुद आजमगढ़ आ रहा हूं.'
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में 29 जून की शाम को गांव के ही एक डॉक्टर से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. सूचना के बाद पुलिस के दो जवान मौके पर पहुंचे थे. आरोप है कि पुलिस के जवान वहां पहुंचे तो गांव के ग्राम प्रधान और उनके समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इस हमले में दोनोंपुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिसमें से एक की हालत अब भी गंभीर है.
पुलिस पर हमले के बाद देर रात पुलिस ने दलित बस्ती की घेराबंदी की. मुख्य आरोपी बताए जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की और मकान को गिरा दिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट भी की है. जिसके बाद दूसरे दिन पुलिस ने 11 नामजद और 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
Next Story