चंडीगढ़। पंजाब में कैप्टन सरकार और कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रहे घमासान को रोकने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मामले को सुलझाने की अपील की है. उन्होंने कैप्टन से फोन पर बातचीत करके कहा है कि वे कांग्रेस के नेताओं के आरोपों व प्रत्यारोपों से पैदा हुए विवाद को जल्द सुलझाएं क्योंकि यह कांग्रेस की संस्कृति का हिस्सा नहीं है.
उधर पंजाब कांग्रेस मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने विधायक परगट सिंह को मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वारा दी गई धमकी को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में परगट सिंह की नाराजगी को दूर किया जाना चाहिए. हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट में परगट सिंह ने कहा कि सीएम के सलाहकार कैप्टन संधू उनके अच्छे दोस्त हैं लेकिन उन्हें जो धमकी दी थी वो कैप्टन के इशारे पर दी थी. इस मामले में भी इंसाफ की जिम्मेदारी होम मिनिस्टर की है, डेढ़ साल पहले ही एसआईटी बिखर चुकी थी. 2017 में कैप्टन ही कांग्रेस से चुनावों में मुख्य चेहरे थे. अगर काम नहीं हुए तो सवाल भी बनते हैं.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि पार्टी नेताओं को ऐसे नेताओं से बचना चाहिए जो आपदा में अवसर ढूंढ रहे हैं. उन्होंने कहा सबसे पहली प्राथमिकता लोगों को कोरोना से बचाने की होनी चाहिए. कोरोना का नजर अंदाज करके सियासत नहीं होनी चाहिए चाहिए. बेअदबी के मामले पर उन्होंने कहा कि इस मामले में इंसाफ होगा.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सीएम को अल्टीमेटम दिया है उन पर पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने पर हाईकमान की नजर है. इसी बीच पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अब विधायक को दिल्ली जाकर हाईकमान के सामने पंजाब की सच्चाई बताने को कहा है. सिद्धू ने कहा मैंने 2019 के चुनावों में प्रचार की शुरुआत और अंत में बेअदबी के आरोपियों को सजा दिलाने की वकालत की थी.