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प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर साधा निशाना, बोली- 'अर्थव्यवस्था आपदा में अवसर, यही है मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

Deepa Sahu
1 Jun 2021 12:28 PM GMT
प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर साधा निशाना, बोली- अर्थव्यवस्था आपदा में अवसर, यही है मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है. उन्होंने माइनस जीडीपी, बेरोज़गारी और महंगाई के आंकड़ों को साझा करते हुए कहा कि "अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर" यही मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, विकास दर: -7.3, बेरोजगारी दर: 12%, दूसरी लहर: 1 करोड़ नौकरियां खत्म, 2020: 97% लोगों की आय घटी, पेट्रोल- 100 रुपये, सरसों का तेल- 200 रुपये, रसोई गैस- 809 रुपये. "अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर" यही मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है." आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के जीडीपी के आंकड़े जारी किए. सरकार के मुताबिक चौथी तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी. हालांकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने क्या कहा?
देश की आर्थिक हालत को लेकर प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर 2021-22 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2020-21 को पिछले चार दशक का 'सबसे अंधकारमय' साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि कोरोना महामारी के साथ ही सरकार के 'अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन' हालात और बिगड़ गए.
उन्होंने कहा, ''जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ. पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.'' चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी. 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई. यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है. उन्होंने दावा किया, ''साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है. चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं.''
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