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यूपी में प्रियंका गांधी घोषणा पत्र कमेटी की बैठक में बना रही रणनीति

Deepa Sahu
25 Feb 2021 5:18 PM GMT
यूपी में प्रियंका गांधी घोषणा पत्र कमेटी की बैठक में बना रही रणनीति
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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती से खड़ी करने में जुटी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती से खड़ी करने में जुटी प्रियंका गांधी लगातार राज्य का दौरा कर रही हैं। पिछले दो हफ्ते के बीच वे छः बार उत्तर प्रदेश पहुंचकर लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर चुकी हैं। 27 फरवरी को वे एक बार फिर वाराणसी पहुंकर संत रविदास जयंती कार्यक्रम में भाग लेंगी और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। प्रियंका गांधी एक तरफ बार-बार यूपी का दौरा कर जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के प्रमुख साथियों के साथ बैठकर ऐसा मैनीफेस्टो तैयार करने की रणनीति पर भी काम कर रही हैं जो राज्य में पार्टी की जड़ें दुबारा जमाने में मदद कर सके।

गुरुवार को दिल्ली में उत्तर प्रदेश कांग्रेस घोषणा पत्र कमेटी की ऐसी ही एक बैठक हुई जिसमें प्रियंका गांधी के साथ सलमान खुर्शीद, सचिन नाइक, वाजीराव खांडे, रोहित चौधरी, धीरज गुर्जर, जुबैर खान और सुप्रिया श्रीनेत सहित प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस उत्तर प्रदेश के अपने घोषणा पत्र में क्षेत्रवार प्रमुख मुद्दों को शामिल कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इसके लिए क्षेत्रवार दौरे कर पार्टी की घोषणा पत्र कमेटी संवेदनशील मुद्दों की पहचान करेगी। क्षेत्र में पार्टी से जुड़े लोगों से राय ली जाएगी। इसी क्रम में यह कमेटी 27-28 फरवरी को बहराइच पहुंच रही है।
यूपी में वापसी के लिए कांग्रेस गंभीर
पार्टी के एक शीर्ष नेता ने अमर उजाला को बताया कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी वापसी के लिए बेहद गंभीर है। पार्टी के सभी नेताओं को यह बात मालूम है कि बिना उत्तर प्रदेश में पार्टी की जड़ें मजबूत किए, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को मजबूत कर पाना संभव नहीं है। लिहाजा यूपी में मजबूती के लिए पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रियंका गांधी के आने से पार्टी को एक नई धार मिली है और सभी कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ पार्टी को दुबारा खड़ी करने में जुट गए हैं।
नेता के मुताबिक प्रियंका गांधी प्रदेश से संबंधित एक-एक मुद्दे को स्वयं देख-परख रही हैं और काफी सोच-विचार के बाद ही किसी प्रस्ताव पर सहमति दे रही हैं। कोई योजना बनाने के बाद वे इस पर बारीकी से नजर भी रख रही हैं। संबंधित नेताओं से वे लगातार फीडबैक भी ले रही हैं। इसका असर उत्तर प्रदेश के चुनावों में देखने को मिल सकता है।


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