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एयरपोर्ट पर मिले प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख, बढ़ेगी अखिलेश की टेंशन?

jantaserishta.com
1 Nov 2021 4:34 AM GMT
एयरपोर्ट पर मिले प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख, बढ़ेगी अखिलेश की टेंशन?
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियों के बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक गठजोड़ और सियासी समीकरण भी सेट किए जाने लगे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के बीच रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी हुई है.

हालांकि, सपा और आरएलडी का गठबंधन तय है, लेकिन सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर अभी तक सहमति नहीं बनी है. ऐसे में प्रियंका-जयंत की मुलाकात के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या यूपी में गठबंधन का समीकरण बदलेगा?
प्रियंका गांधी रविवार को गोरखपुर से जनसभा करके लखनऊ से दिल्ली के लिए लौट रही थी जबकि जयंत चौधरी लखनऊ में अपनी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करके दिल्ली वापस लौट रहे थे. प्रियंका-जयंत दोनों ही एक ही समय राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे एयरपोर्ट पर पहुंच गए. इस दौरान एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में दोनों नेताओं की मुलाकात हो गई, जहां एक-दूसरे का हाल-चाल जाना और कुछ देर तक उनमें बातचीत हुई हैं.
प्रियंका-जयंत के बीच एयरपोर्ट पर हुई मुलाकात के दौरान किस मुद्दे पर बातचीत हुई, इसे लेकर सियासी कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इसी तरह पिछले दिनों दिल्ली से लखनऊ आते वक्त विमान में प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच भी मुलाकात और बातचीत हुई थी.
प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी के बीच मुलाकात ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस यूपी में एक मजबूत सहयोगी के तलाश में है जिसके सहारे 2022 के चुनावी नैया पार लगा सके. कांग्रेस के यूपी ऑब्जर्वर व छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में गठबंधन के लिए छोटे दलों को ऑफर दिया है. किसान आंदोलन से आरएलडी को पश्चिम यूपी में राजनीतिक संजीवनी मिली है, जिसके चलते कांग्रेस की नजर जयंत चौधरी पर है.
हालांकि, यूपी में सपा और आरएलडी का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन सीट शेयरिंग के लेकर पेच फंसा हुआ है. दोनों ही दलों के बीच अभी तक सीट बंटवारे को लेकर तो कोई सहमति बन पाई है और न ही कोई फॉर्मूला सामने आया है. वहीं, कांग्रेस और आरएलडी दोनों ही सूबे में अपना सियासी वजूद बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. दोनों के राजनीतिक भविष्य के लिए उत्तर प्रदेश का यह चुनाव बेहद अहम है.


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