यूपी UP News। बरेली सेंट्रल जेल में फार्म हाउस पर काम करने के दौरान फतेहगंज पूर्वी के गांव खनी नवादा निवासी कैदी हरपाल के फरार होने में जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस पर जेल प्रशासन के बड़े अफसर भी कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं। उन पर गाज गिर सकती है। नियमानुसार आजीवन कारावास के कैदी को कम से कम दस साल सजा काटने के बाद ही जेल से बाहर काम पर लगाया जा सकता है। मगर हरपाल के मामले में अफसरों ने नियम को ताक पर रखकर उसे तीन महीने बाद ही बाहर निकाल दिया। Bareilly Central Jail
बता दें कि कैदी हरपाल गुरुवार को सेंट्रल जेल में आवासीय कॉलोनी के पास फार्म हाउस में काम करने के दौरान फरार हो गया था। उसके भागने के करीब एक घंटे बाद सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक लगी है और उसके डेढ़ घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गई।
परिणामस्वरूप इस समय में वह इतना दूर चला गया कि अब तक नहीं खोजा जा सका है। इस मामले में जेलर नीरज कुमार की ओर से कैदी हरपाल, जेल वार्डर अजय कुमार (प्रथम), कृषि सुपरवाइजर अनिल कुमार और फार्म लिपिक धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ थाना इज्जतनगर में रिपोर्ट लिखाई गई है। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक अविनाश गौतम ने जेल वार्डर अजय कुमार (प्रथम) को दोषी मानते हुए सस्पेंड भी कर दिया है। मगर अफसरों को बचाने के लिए कार्रवाई के नाम पर लीपापोती चल रही है।