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भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने दी खुशखबरी, कहा- कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी वैक्सीन होगी कारगर
jantaserishta.com
29 Dec 2020 11:08 AM GMT
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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के. विजय राघवन ने कहा है की हमारे देश में और बाहर भी जो वैक्सीन तैयार की जा रही हैं, ये UK और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगे.
महामारी कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने चिंता बढ़ा दी है. भारत में भी इसकी एंट्री हो गई है. देश में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कुल 6 केस मिले हैं. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होगी. लोगों की नए स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है.
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यूके वेरिएंट की खबर आने से पहले, हमने प्रयोगशालाओं में लगभग 5,000 जीनोम विकसित किए थे. अब हम उस संख्या में काफी वृद्धि करेंगे.
भारत पहुंचा नया कोरोना वायरस
भारत में इस समय 1.02 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं. 1.47 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है कोरोनावायरस. भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा कम है. साथ ही यहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या भी ज्यादा है. अगर कोरोना के नए स्ट्रेन को अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं तो ये भारी तबाही मचा सकता है. क्योंकि हर जीव का एक जीनोम होता है. यानी हमारे जीन्स का सेट पैटर्न. कई बार इस पैटर्न में बदलाव भी आते हैं लेकिन इंसानों जैसे विकसित जीव इसे ठीक भी कर लेते हैं.
वायरस ये इन बदलावों को ठीक करने में कमजोर होते हैं. जिस वायरस में राइबोन्यूक्लिक एसिड यानी आरएनए (RNA) जेनेटिक मटेरियल होता है वो इस मामले में और भी बेकार होते हैं. वो अपने जीनोम में आए बदलावों को ठीक नहीं कर पाते. यह बदलाव स्थाई रह जाता है. इसी को म्यूटेशन कहते हैं. यानी कोरोना के नए स्ट्रेन का मतलब है कोरोना वायरस के जीनोम में बदलाव हुआ है जो वह खुद ठीक नहीं कर सकता. यानी एक और वायरस.
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का जो नया स्ट्रेन मिला है, उसका नाम है B.1.1.7. वैज्ञानिकों को शुरूआती जांच में यह पता चला कि म्यूटेशन से बना B.1.1.7 स्ट्रेन अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन खतरनाक कम है. इसका मतलब ये नहीं कि यह किसी की जान नहीं ले सकता. इस स्ट्रेन की वजह मरीज को सीने में तेज दर्द होता है. बाकी सारे लक्षण पुराने कोरोना वायरस की तरह ही हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना संक्रमित हर देश अपने यहां मौजूद सभी संक्रमित मरीजों की संख्या का 0.33 फीसदी जीनोम सिक्वेंसिंग कराएगा यानी हर 300 संक्रमित मरीजों में से एक मरीज के वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग. इससे ये पता चलता है कि मरीजों में किस तरह का कोरोनावायरस स्ट्रेन है.
Vaccines will work against the variants detected in UK and South Africa. There is no evidence that current vaccines will fail to protect against these #COVID19 variants: Principal Scientific Advisor (PSA) to the Government of India Prof K. Vijay Raghavan pic.twitter.com/jqiVpNB5Ng
— ANI (@ANI) December 29, 2020
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