गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्थायी प्रभाव ने पार्टी को रिकॉर्ड जीत की राह पर पहुंचाया
अहमदाबाद: गुजराती चेतना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्थायी प्रभाव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी के लिए संभवतः सबसे बड़ी जीत हासिल करने की राह पर ला दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महंगाई और स्थानीय नेतृत्व जैसे मुद्दों पर लोगों के कथित असंतोष को भी कम करने में सफलता हासिल की है।
राज्य भर में अपने प्रचार अभियान के दौरान मोदी ने 31 जनसभाओं को संबोधित किया और तीन रोड शो का नेतृत्व किया। अपने गृह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का उन्होंने दौरा किया तथा मतदाताओं से आग्रह किया कि वे भूपेंद्र तोड़ों नरेंद्र के रिकॉर्ड में अपना योगदान दें। उनके यह कहने का आशय जनता को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना था कि वे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार को, उनके नेतृत्व वाली 13 वर्षों तक की सरकार के दौरान मिली सीटों की तुलना में अधिक सीटों से जीताएं।
अब तक के चुनावी परिणाम और रूझानों से यह स्पष्ट है कि मतदाताओं ने उनकी बात सुनी है। भाजपा ने 2002 में सर्वाधिक 127 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस वक्त मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद भाजपा कभी उस आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी थी। लेकिन इस बार लग रहा है कि वह अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार कर सकती है।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक हुई मतगणना में भाजपा को 50 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं। यह पार्टी के लिए ऐतिहासिक है। आम आदमी पार्टी के उभरने के कारण विपक्ष के वोटों में विभाजन से यह संकेत मिलता है कि पार्टी 1985 में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा जीती गई 149 सीटों के रिकॉर्ड को तोड़ सकती है।
इस पश्चिमी राज्य का दौरा करने वालों को यह स्पष्ट था कि मतदाताओं को 1998 से राज्य में सत्ता में रही भाजपा के साथ उसके स्थानीय नेतृत्व और इसके प्रशासन से जुड़े पहलुओं के बारे में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश के लिए यह मायने नहीं रखता था। क्योंकि उनके लिए पार्टी के बड़े शासन ढांचे, वैचारिक जोर और उनसे भी अधिक मोदी के प्रति उनका विश्वास मायने रखता है।
भाजपा और उसके नेताओं पर चार पुस्तकें लिख चुके शिवानंद द्विवेदी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी एक दुर्लभ नेता के रूप में उभरे हैं, जिनकी लोकप्रियता पर सत्ता विरोधी लहर या सत्ता में लंबे समय तक रहने जैसे कारकों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वास्तव में, उनकी लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी है। उन्होंने कहा, वह 'जन-जन के नेता' थे और अब जन-मन के नेता हैं।
भाजपा से जुड़े थिंक टैंक श्यामा प्रसाद मुखर्जी शोध संस्थान के द्विवेदी ने कहा कि लोगों को भाजपा, उसके विधायकों और उसकी सरकारों से समस्या हो सकती है लेकिन मोदी में उनका भरोसा बाकी सब चीजों पर हावी हो जाता है। मोदी के प्रचार अभियान का खाका तैयार करने में राज्य के सभी चार क्षेत्रों पर व्यापक जोर था लेकिन जनजातीय बहुल क्षेत्रों और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों पर उनका विशेष ध्यान था।
साल 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में भाजपा को पाटीदार आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों के चलते सीटों की संख्या में गिरावट का सामना करना पड़ा था। उनके रोड शो सूरत, अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे शहरों के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों से होकर गुजरे। रुझानों से पता चलता है कि भाजपा बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है, निकटतम विपक्षी कांग्रेस 20 से भी कम सीटों पर सिमटती दिख रही है।
वह अब तक के अपने सबसे खराब प्रदर्शन के दौर से गुजर रही है। गुजरात में जीत से भाजपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अलावा एकमात्र ऐसी पार्टी बन जाएगी जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं। 1977 से 2011 तक 34 साल तक पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली माकपा ने भी लगातार सात चुनाव जीते थे।
नरेंद्र से आगे निकले भूपेंद्र: गुजरात में भाजपा 154 सीटों के साथ जीत का नया रिकॉर्ड बना दिया है। कांग्रेस ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 विधानसभा सीटें जीती थीं। वहीं, मोदी के CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। इस जीत के साथ भाजपा ने दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस ऐतिहासिक जीत के बाद 12 दिसंबर को गांधीनगर में विधानसभा के पीछे हेलीपैड मैदान में CM की शपथ होगी। दिलचस्प बात यह है चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। चुनाव नतीजों में बिलकुल यही नजर आ रहा है।
रुझानों में गुजरात की 182 में से भाजपा ने 154 सीटों पर जीत हासिल की है और 3 पर आगे चल रही है। कांग्रेस 14 सीटें जीत चुकी है और 2 पर आगे है। इधर, आम आदमी पार्टी ने 4 सीटें जीती है और एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है। निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने 4 सीटें जीत ली हैं। भाजपा की लीड को देखते हुए पार्टी समर्थकों ने जश्न शुरू कर दिया है। गुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।
गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।