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प्रधानमंत्री मोदी ने एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का किया उद्घाटन, पूजा की

jantaserishta.com
15 Jan 2025 11:12 AM GMT
प्रधानमंत्री मोदी ने एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का किया उद्घाटन, पूजा की
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नवी मुंबई (महाराष्ट्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया और पूजा की। इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया गया।
मुंबई में एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्धाटन
नवी मुंबई के खारघर में स्थित यह भव्य मंदिर 12 वर्षों में बनकर तैयार हुआ है। 9 एकड़ में फैला यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और अपनी भव्यता व वास्तुकला के लिए विशेष चर्चा में है। सफेद और भूरे संगमरमर से निर्मित इस मंदिर की सुंदरता अद्वितीय है। इसके चांदी के दरवाजों पर गदा, शंख, चक्र और ध्वजा की सुनहरी नक्काशी की गई है, जो इसकी दिव्यता को और बढ़ाती है।
मंदिर परिसर में 5-6 एकड़ हरियाली वाला क्षेत्र है
मंदिर के मुख्य कक्ष में भगवान कृष्ण की 3डी पेंटिंग्स और दशावतार से जुड़ी कलाकृतियां इसकी विशेषता हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि वैदिक संस्कृति और भारतीय परंपराओं का भव्य प्रदर्शन भी करता है। तीन हजार भक्तों के एक साथ बैठने की व्यवस्था और हर रविवार मुफ्त प्रसादम की सुविधा इसे भक्तों के लिए विशेष बनाती है। मंदिर परिसर में 5-6 एकड़ हरियाली इसे और भी आकर्षक बनाती है।
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यह मंदिर ग्लोरी ऑफ महाराष्ट्र प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है और इस्कॉन का ऐसा पहला मंदिर है जिसमें संस्थापक स्वामी श्रील प्रभुपाद का स्मारक होगा।
दुनिया में इस्कॉन के करीब 800 मंदिर हैं, जिनमें से कुछ बेहद प्रसिद्ध हैं। भारत में वृंदावन का इस्कॉन मंदिर, जिसे श्रील प्रभुपाद द्वारा स्थापित किया गया था, भव्यता और शांति का अद्भुत केंद्र है। वहीं, अमेरिका में वेस्ट वर्जीनिया का न्यू वृंदावन इस्कॉन मंदिर 500 एकड़ में फैला है और इसे “पैलेस ऑफ गोल्ड” के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा लंदन का सोहो स्ट्रीट मंदिर, मलेशिया का इस्कॉन मंदिर, और रूस में स्थित इस्कॉन मंदिर भी दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
नवी मुंबई का यह मंदिर भक्ति, संस्कृति और वास्तुकला का संगम है। 200 करोड़ रुपये की लागत से बना यह मंदिर न केवल एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है, बल्कि भारतीय परंपराओं का भव्य प्रतीक भी है। 16 जनवरी से भक्त यहां भगवान के दर्शन कर सकेंगे, जो इस मंदिर को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगा।
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