भारत

राष्ट्रपति चुनाव: कौन बनेगा देश का अगला राष्ट्रपति? यशवंत सिन्हा को लगा झटका

jantaserishta.com
19 July 2022 2:36 AM GMT
राष्ट्रपति चुनाव: कौन बनेगा देश का अगला राष्ट्रपति? यशवंत सिन्हा को लगा झटका
x

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपने गृहराज्य झारखंड में ही सबसे बड़ा झटका लगा। यहां अधिकतर विधायकों ने पूर्व राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया। एनडीए के अलावा जेएमएम, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों ने भी मुर्मू को ही वोट दिया। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने दावा किया कि 75 से अधिक विधायकों के वोट द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पड़े।

बिरंची के मुताबिक 60 से अधिक विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। कुछ नेताओं के दावे के मुताबिक यशवंत सिन्हा को झारखंड के 20 विधायकों का वोट मिला है। झारखंड विधानसभा के 81 विधायकों में से 80 ने मतदान किया। भाजपा के सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो अस्वस्थ होने के कारण मतदान नहीं कर सके। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिये अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में भाजपा विधायक अनंत ओझा ने सुबह मतदान प्रारंभ होते ही ठीक दस बजे पहला वोट डाला जबकि सबसे आखिरी वोट दोपहर 3:55 बजे निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दिया।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में एनडीए विधायकों ने (भाजपा और आजसू) एकजुट होकर मतदान किया। निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव के अलावा द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही है। झामुमो विधायकों ने पार्टी के ऐलान के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान कर इसे गौरव का क्षण बताया। झामुमो के सभी 30 विधायकों ने उन्हें अपना वोट दिया। वहीं यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के विधायकों के अलावा राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता और भाकपा माले विधायक विनोद सिंह का साथ मिला।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मतदान के बाद कहा है कि झामुतो विधायक - सांसदों ने पार्टी के निर्णय के अनुरूप ही मतदान किया है। जीत से जुड़े सवाल पर वह मुस्कुरा आगे बढ़ गये। ज्ञात है कि झामुमो सुप्रीमो ने पार्टी के निर्णय के अनुसार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान का निर्देश सांसदों और विधायकों को दिया था।
साढ़े ग्यारह बजे से कांग्रेस विधायकों ने वोट डालना शुरू किया। कांग्रेस के साथ भाकपा माले ने भी विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार यशंवत सिन्हा को वोट करने की बात कही है। राजद के सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के निर्देशानुसार वोट डाला है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी के निर्णय के अनुसार उन्होंने वोट किया है। मंत्री बन्ना गुप्ता ने पार्टी के आदेश के मुताबिक वोट डालने कर बात कहते हुये दो पंक्ति पेश की अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फैसला, जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड विधानसभा में सोमवार को सुबह से ही गहमा-गहमी रही। वैसे तो इस चुनाव में कोई बड़ा रहस्य छिपा हुआ नहीं था, क्योंकि विपक्षी भाजपा-आजसू और सत्तारूढ़ दल झामुमो का स्टैंड क्लियर था, लेकिन नजर कांग्रेस विधायकों पर थी। कांग्रेस विधायक जब एक-एक कर वोट देकर निकले, तो सबकी निगाहें उनपर टिक गईं। मीडिया कर्मी उनसे बात कर टटोलने का प्रयास करते रहे, लेकिन गुप्त मतदान के कारण मत सार्वजनिक नहीं हुआ। मतदान केंद्र के आसपास कवर कर रहे मीडिया कर्मियों में इसी बात को लेकर चर्चा होती रही कि कांग्रेस विधाय़कों ने पार्टी लाइन पर ही वोट डाला या अंतरात्मा की पुकार पर वोट डाला। मतदान का समय दस बजे से निर्धारित था, लेकिन सुबह उससे पहले ही विधानसभा परिसर गुलजार था। चुनाव करानेवाले कर्मचारी-अधिकारी, विधानसभाकर्मी और सुरक्षकर्मियों की आमदरफ्त बढ़ गयी थी। दस बजने के पहले मतदाताओं (विधायकों) का आगमन शुरू हो चुका था। विपक्षी भाजपा और आजसू के विधायक एक ही बस पर सवार होकर विधानसभा परिसर पहुंचे। उसके बाद कांग्रेस के विधायकों का आगमन हुआ।
झारखंड में एक सांसद के मत का मूल्य 700 तथा विधायक के मत का मूल्य 176 है। 81 निर्वाचित में से एक बीमार विधायक नहीं डाल सके वोट। कुल 80 विधायकों ने किया मतदान। बीस सांसदों ने संसद भवन दिल्ली में किया वोट। विधायकों और सांसदों के वोटों का कुल मूल्य - 28256 है। एक विधायक नहीं होने पर 28080 है।
Next Story