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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति बना रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोशिशों को झटका लग सकता है। खबर है कि बुधवार को होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक से बीजू जनता दल और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखऱ राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति किनारा कर सकती है। चुनाव आयोग की तरफ से घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों के अनुसार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी की बीजद के दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने की संभावनाएं कम हैं। वहीं, ममता ने जिन 22 नेताओं को 'विभाजनकारी ताकतों' के खिलाफ लड़ने के लिए पत्र लिखा था, उनमें आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन का नाम शामिल नहीं था।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस को भी ममता से बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने मीटिंग छोड़ने का फैसला किया है। लोकसभा में बीजद नेता और पिनाकी मिश्रा का कहना है कि उन्हें पार्टी की तरफ से बैठक में शामिल होने को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।
बीजद सूत्रों का कहना है कि पार्टी हमेशा भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी पर रही है और वह ऐसा करती रहेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'जहां तक राष्ट्रपति चुनाव की बात है हमारे पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सही समय पर फैसला लेंगे।'
उन्होंने आगे कहा, 'सीएम ने पहले ही बता दिया है कि राष्ट्रपति चुनाव में बीजद का समर्थन उम्मीदवारों को चुनाव के आधार पर होगा, जो अभी बाकी है। हम किसी समूह का हिस्सा क्यों बनें?'
लोकसभा में बीजद के 12 सदस्य हैं। जबकि, राज्यसभा में यह आंकड़ा 9 है। इसके अलावा 147 सीटों वाली ओडिशा विधानसभा में बीजद की संख्या 114 है। वहीं, जगन की YSRCP के पास 22 लोकसभा, 9 राज्यसभा और 151 विधानसभा सीटें हैं। खास बात है कि एनडीए को और 13 हजार इलेक्टोरल कॉलेज वोट की जरूरत है। ऐसे में BJD और YSRCP का समर्थन काफी होगा।
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