आरोपी की दया याचिका को राष्ट्रपति ने किया खारिज, दुष्कर्म के बाद किया था मर्डर
दिल्ली। महाराष्ट्र में 2008 में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के दोषी व्यक्ति की दया याचिका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खारिज कर दिया है. 25 जुलाई, 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मुर्मू द्वारा खारिज की गई यह पहली दया याचिका थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई, 2017 को वसंत संपत दुपारे (तब 55 साल) की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी. दुपारे के इस मामले को लेकर राष्ट्रपति सचिवालय को इसी साल 28 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश मिली थी. राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा 28 अप्रैल, 2023 को दया याचिका की स्थिति को लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा, 'दया याचिका (दुपारे की) को राष्ट्रपति ने (10 अप्रैल को) खारिज कर दिया था.'
शीर्ष अदालत ने 2017 में कहा था कि 'जिस बर्बर तरीके से चार साल के बच्चे की हत्या की गई, वो साफ दर्शाता है कि तब कैसी परिस्थितियां रही होंगी.' सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 नवंबर, 2014 को ट्रायल कोर्ट के साथ-साथ बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दुपारे को मौत की सजा देने के फैसले को बरकरार रखा था. शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई, 2016 को दुपारे की याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई थी, जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपनी दलीलें रखने का उचित मौका नहीं दिया गया था, जिसने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि नाबालिग लड़की से दुष्कर्म उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है. अदालत ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसके साथ दुष्कर्म किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी.