भारत
राष्ट्रपति ने नेल्सन मंडेला के कथन का किया जिक्र, कहा- 'जीवन में कभी हार मत मानो'
jantaserishta.com
23 Aug 2023 12:11 PM GMT
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पणजी: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के कथन 'मुझे मेरी सफलताओं से मत आंकिए, मुझे इस आधार पर आंकिए कि मैं कितनी बार गिरा और फिर खड़ा हुआ' का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को युवाओं को सलाह दी कि 'परिस्थितियां कैसी भी हों, कभी हार नहीं माननी चाहिए।'
मुर्मू गोवा की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, जो मंगलवार से शुरू हुई। उन्होंने राजभवन में गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। नेल्सन मंडेला के कथन का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा, ''आज आपने जो डिग्रियां और स्वर्ण पदक अर्जित किए हैं, वे आपको नौकरी पाने या बिजनेस शुरू करने में मदद करेंगे। लेकिन, एक क्वालिटी, जो आपको बहुत आगे ले जा सकती है, वह है जीवन में कभी हार न मानने का 'साहस'। परिस्थितियां कैसी भी हों, कभी हार नहीं माननी चाहिए।''
उन्होंने छात्राओं की सफलता की सराहना करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि 55 प्रतिशत डिग्री धारक और 60 प्रतिशत स्वर्ण पदक विजेता लड़कियां हैं।" उन्होंने कहा, ''आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
मुझे बताया गया है कि गोवा यूनिवर्सिटी इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है, टीचिंग और वर्चुअल ओरिएंटेशन के लिए डिजिटल इंटीग्रेटेड सिस्टम प्रोग्राम चला रहा है।" राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे हाई एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तरीय योग्यता विकसित करना आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विश्वविद्यालय ने 'उन्नत भारत अभियान' के तहत पांच गांवों को गोद लिया है, जहां स्थिरता मॉडल को अपनाकर सीपियों और मशरूम की खेती की जा रही है।" ''शिक्षा एक आजीवन प्रक्रिया है। निरंतर सीखना जीवन में अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है। आज का युवा 'संकल्प काल' में विकसित भारत का निर्माण करेगा। मुझे विश्वास है कि आप भारत को अधिक समृद्धि की ओर ले जाने का सपना पूरा करेंगे।''
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