भारत

संसद भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

Nilmani Pal
14 April 2023 3:41 AM GMT
संसद भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
x

दिल्ली। संसद भवन के लॉन में आयोजित डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी व अन्य नेता शामिल हुए। वही बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती समारोह में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

14 अप्रैल को डॉ अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है. भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के पिता कहे जाते हैं. डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर की अध्यक्षता में दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था. अम्बेडकर जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में न्यायविद के समर्पण को याद करने के लिए भी मनाया जाता है. उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध किया और इसे समाज से मिटाने का प्रयास किया. डॉ भीमराव अंबेडकर हमेशा उत्पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े रहे और महिलाओं, मजदूरों और अछूतों के जीवन के उत्थान के लिए काम किया. एक प्रखर समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और प्रभावशाली वक्ता होने के नाते, डॉ अम्बेडकर राजनीति विज्ञान, कानून और अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों के विद्वान थे.

14 अप्रैल 1891 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू के एक गांव में हुआ था. उन्हें बचपन से ही आर्थिक व सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा. यहां तक की स्कूल में छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा. लेकिन तमाम विषम परिस्थितियों के बाद भी अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक या दो नहीं अपनी मेहनत से कुल 32 डिग्री हासिल की. विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और अपने देश भारत में दलित समाज के उत्थान के लिए अनेकों कार्य किए.

डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर ने एक ऐसे भारत की कल्पना कि जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाता है. साथ ही उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान चलाया. इसलिए, उनके काम और एक बेहतर भारत बनाने की दिशा में किए गए योगदान को याद करने के लिए, डॉ अम्बेडकर के कुछ अनमोल वचन जानें. इन्हें आप इस अम्बेडकर जयंती पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भेज सकते हैं.

Next Story