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नारी शक्ति वंदन अधिनियम: राष्ट्रपति ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी, अब बन गया कानून
jantaserishta.com
29 Sep 2023 11:50 AM GMT
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नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवाया गया ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल अब कानून बन गया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी इस बिल को हरी झंडी मिल गई, जिसके बाद भारत सरकार ने एक गजट अधिसूचना जारी की है। इस बिल के कानून की शक्ल लेने की वजह से विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल को नारीशक्ति वंदन बिल नाम दिया है। इसके लिए कुछ दिनों पहले सरकार ने विशेष सत्र भी बुलाया था। पहले इसे लोकसभा से पारित करवाया गया, जहां पर पक्ष में 454 वोट मिले, जबकि दो सांसदों ने विरोध किया। लोकसभा से पारित होने के बाद बिल को राज्यसभा में पेश किया गया और दिनभर की चर्चा के बाद वहां से भी पास हो गया। एआईएमआईएम के सांसदों को छोड़कर, बाकी सभी सांसदों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की मांग इसमें ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण देने की भी है।
उल्लेखनीय है कि कोई भी कानून बनाने के लिए पहले बहुमत से विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवाना होता है। इसके बाद बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है। प्रेसिडेंट के साइन होते ही यह कानून की शक्ल ले लेता है। अब महिला आरक्षण बिल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की हरी झंडी मिलने के बाद यह कानून बन गया है। पहली बार इस बिल को साल 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की ओर से पेश किया गया था, लेकिन तब पारित नहीं हो सका। अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में भी बिल को लाया गया, लेकिन तब भी पास नहीं हुआ। बाद में साल 2008 में यूपीए-1 की सरकार के दौरान यह राज्यसभा में पेश हुआ और फिर 2010 में वहां से पारित हो गया। हालांकि, बिल को लोकसभा में नहीं पारित करवाया जा सका और फिर 2014 में सरकार जाने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया था।
बिल के कानून बनने के बाद भी यह तुरंत लागू नहीं हो सकेगा। यानी कि इस साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा और अगले साल के लोकसभा समेत तमाम चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित नहीं होंगी। दरअसल, इसके लिए पहले जनगणना और और परिसीमन करवाया जाएगा। कोरोनाकाल होने की वजह से साल 2021 में तय जनगणना अब तक नहीं हो सकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद इसे करवाने की तैयारी है। वहीं, जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन होगा, जोकि साल 2026 के बाद ही होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि अभी महिला आरक्षण बिल को लागू होने में थोड़ा और वक्त जरूर लग सकता है।
Government of India issues a gazette notification for the Women's Reservation Bill after it received the assent of President Droupadi Murmu. pic.twitter.com/GvDI2lGF1C
— ANI (@ANI) September 29, 2023
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