भारत

2024 चुनाव की तैयारी? जानें क्या है सोनिया गांधी की विपक्षी दलों को एकजुट करने की योजना

jantaserishta.com
20 Feb 2022 5:32 AM GMT
2024 चुनाव की तैयारी? जानें क्या है सोनिया गांधी की विपक्षी दलों को एकजुट करने की योजना
x

नई दिल्ली: पांचों राज्य विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) के परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) से पहले सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश करेंगी. इसके लिए सभी विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाने की संभावना है. एकजुट होने का प्लान बनाने में शामिल नेताओं ने कहा कि कुछ शुरुआती चर्चा पहले ही हो चुकी है और तृणमूल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया जा सकता है. इस पहल के पीछे एक प्रमुख व्यक्ति भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'हमने पहले दो बैठकें की थीं. दोनों मौकों पर सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया था. इस बार भी, उन्हें आमंत्रित किया जाएगा.'

येचुरी ने कहा कि विधानसभा में चुनाव के बाद बैठक करने की योजना है. ज्यादातर दल अभी चुनाव में व्यस्त हैं. नतीजे आने के बाद ही कोई बैठक हो सकती है. पिछले साल 20 अगस्त को विपक्ष की पिछली बैठक में 19 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. गांधी ने विपक्षी नेताओं से "राष्ट्र के हित में" व्यक्तिगत मजबूरियों से ऊपर उठने का आग्रह किया था और भारत को एक ऐसी सरकार दे जिसकी सोच एक हो. इसको लेकर अंतिम लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनाना शुरू किया था.
हालांकि बाद में स्थिति बदल गई क्योंकि प्रशांत किशोर की रणनीतियों से प्रेरित टीएमसी ने कांग्रेस के खिलाफ ही चक्रव्यू रच दिया. उसने सुष्मिता देव, लुइज़िन्हो फलेरियो और मुकुल संगमा सहित कई कांग्रेस नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर लिया. इसका असर समय दिखाई दिया जब नाराज सोनिया गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र में टीएमसी को छोड़कर डीएमके, एनसीपी, सीपीआईएम और शिवसेना को रणनीति बैठक के लिए आमंत्रित किया था. इसके बाद कांग्रेस ने गोवा चुनाव के लिए भी टीएमसी की गठबंधन करने की पेशकश पर कोई जवाब नहीं दिया था.
इस समय कांग्रेस अपने आपको मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है. वह प्रमुखता से गोवा, पंजाब और उत्तराखंड पर फोकस किए हुए है. एक कांग्रेस नेता ने का कहना है कि अब अगर टीएमसी को आमंत्रित किया जाता है और वह इसमें शामलि नहीं होती है तो यह स्पष्ट होगा कि वह विपक्षी एकता में रुचि नहीं रखती है. अपनी ओर से हम सभी को एक साथ लाने का प्रयास करना जारी रखेंगे. सीताराम येचुरी की ओर से तैयार किए गए मसौदे को लेकर पिछली बैठक में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी नाराज थीं. उन्होंने सुझाव दिया था कि नियमित मुद्दों को संभालने के लिए कुछ नेताओं का एक कोर ग्रुप बनाया जाना चाहिए, लेकिन इस विचार को खारिज कर दिया गया था.
Next Story