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भारत में भारी मात्रा में जाली नोट भेजने की तैयारी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्लान उजागर

Admin2
23 Aug 2021 3:04 AM GMT
भारत में भारी मात्रा में जाली नोट भेजने की तैयारी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्लान उजागर
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जाली नोटों के जरिए आतंकियों की फंडिंग करना, भारत में हवाला कारोबार को हवा देना, ये पाकिस्तान की वो साजिश है जो अब जगजाहिर हो चुकी है. पिछले कई सालों से पाकिस्तान की ISI द्वारा भारत में जाली नोटों की सप्लाई की जा रही है. अब उस शख्स का नाम भी पता चल गया है जिसे पाकिस्तान ने अपना नया मोहरा बना लिया है और जिसके दम पर भारत में भारी मात्रा में जाली नोट भेजे जा रहे हैं.

कौन है शारिक उर्फ़ सट्टा?
उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले शारिक उर्फ़ सट्टा को ISI ने अपना नया मोहरा चुन लिया है. दुबई में बैठकर शारिक दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में नकली नोट सप्लाई कर रहा है. पुलिस को भी शारिक का नाम तब पता चला जब उत्तर प्रदेश के संभल से आलम और दिल्ली से ज़ाकिर नाम के शख्स को गिरफ़्तार किया गया. दोनों के पास से 4 लाख के जाली नोट बरामद हुए और पूछताछ के दौरान उन्होंने शारिक का नाम लिया.
गाड़ियों की चोरी करता था शारिक
चौंकाने वाला खुलासा ये है कि शारिक उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है जिस पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 50 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं. स्पेशल सेल के डीसीपी के मुताबिक़ शारिक उर्फ़ सट्टा कभी चोरी की गाड़ियों को ख़रीदने का काम करता था. वह चोरी की गाड़ियों का इतना बड़ा रिसीवर बन गया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पर NSA के तहत एक्शन लिया था. जेल से ज़मानत पर बाहर आने के बाद शारिक एजेंसियों को चकमा देकर भारत से फ़रार हो गया और दुबई में अपना ठिकाना बना लिया. बाद में ISI ने उससे संपर्क साधा और फिर वो उसके लिए काम करने लगा.
पाकिस्तान कैसे करेगा इस्तेमाल?
वहीं शारिक से पहले नकली नोटों का ये काम इक़बाल काना संभालता था. वो भी भारत में नकली नोटों की सप्लाई किया करता था. इक़बाल काना उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला था जो सालों पहले पाकिस्तान में शिफ़्ट हो गया था जहां ISI ने जाली नोटों के कारोबार का ज़िम्मा दिया था. लेकिन बिहार में ट्रेन ब्लास्ट की जांच में सामने आया कि ISI ने उसे जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठन के लिए भारत से लड़के रिक्रूट कर ट्रेन में ब्लास्ट करवाने की ज़िम्मेदारी दी थी.
इसी वजह से ISI को तलाश थी एक ऐसे मोहरे की जिसका भारत में लोकल नेटवर्क हो और जो जाली नोटों के काले कारोबार को चला सके. चूंकि शारिक उर्फ़ सट्टा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लग्ज़री गाड़ियों की चोरी का अपना गैंग चलाता था, लिहाज़ा अब दुबई में बैठकर उसी लोकल गैंग के गुर्गों के जरिए जाली नोटों के कारोबार को आगे बढ़ा रहा है.
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