भारत

महाभारत से जुड़े साक्ष्य को फिर से तलाशने की तैयारी, केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम

jantaserishta.com
31 Dec 2021 2:39 AM GMT
महाभारत से जुड़े साक्ष्य को फिर से तलाशने की तैयारी, केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम
x
इतिहास के सबसे बड़े युद्ध की कहानी की सत्यता को लेकर कई बार सवाल उठे तो कई बार उसको जमीनी कसौटी पर उतरना पड़ा.

मेरठ: इतिहास के सबसे बड़े युद्ध की कहानी की सत्यता को लेकर कई बार सवाल उठे तो कई बार उसको जमीनी कसौटी पर उतरना पड़ा. महाभारत से जुड़ी कहानियां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सुनी जा सकती हैं. उनसे साक्ष्य कई बार सामने आ चुके हैं. ऐसे में मेरठ के पास हस्तिनापुर में पुरातत्व विभाग महाभारत से जुड़े साक्ष्य को फिर से तलाशने की तैयारी में है.

समय-समय पर खासकर हस्तिनापुर इलाके में हुई खोज कई बार इतिहासकारों के सामने बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल लेकर आती है कि आखिर हजारों साल बाद भी मानव सभ्यता से जुड़ी इन चीजों को कैसे समझा जाए. 1952 में प्रोफेसर वीवी लाल द्वारा सबसे पहले हस्तिनापुर को खोज में मिले साक्ष्यों को महत्वपूर्ण माना गया है. वहां पर कई सारी चीजें ऐसी मिली जो बेहद चौंकाने वाली थी.
केंद्र सरकार अब तक इस अनसुलझे इतिहास को दोबारा सबके सामने लाने का प्रयास कर रही है. इसमें अब तक मिले तमाम साक्ष्यों की कार्बन डेटिंग कराई जाएगी. साथ ही पांडव टीला और उसके आस पास के क्षेत्र में पुरातत्व विभाग फिर से एक्सकैवशन करेगा.
क्या होता है कार्बन डेटिंग
कार्बन डेटिंग से ये जानकारी सामने आएगी कि जो पुरात्विक खोज की गई यानी जो भी समान उनको मिला है क्या वाकई महाभारत काल के हैं या फिर इतिहास उससे भी पहले का है क्योंकि कॉपर से बने हथियार यह समझाते हैं कि यहां का इतिहास करीब 4000 साल से 6000 साल पूर्व का है. हस्तिनापुर के पांडव महल के अलावा ऊपरी टीला, केंद्र सरकार ने हस्तिनापुर के लिए करीब 500 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया है, ऐसे में हस्तिनापुर का विकास पर्यटन की दृष्टि से उसको महत्वपूर्ण बनाना उसकी पुरातात्विक महत्व को आम जनता के सामने लाने के प्रयास को सफल बनाने की कोशिश की जाएगी.
भारतीय पुरातत्व विभाग मेरठ जोन के डॉक्टर आर गणनायक बताते हैं कि अब नए साल में इसकी शुरूआत करेंगे. करीब 10 जनवरी से एक्सकैवशन शुरू होगा. ये पहले की गई खोज के आधार पर हम लोगों ने कुछ स्थानों को तय किया है. बता दें कि मेरठ और हस्तिनापुर हमेशा से महाभारत से जुड़े स्थलों के महत्वपूर्ण स्थान रहे हैं, हालांकि बागपत के सिनोली में जब महाभारत कालीन खोज हुई थी तो उसने इतिहास की दिशा की बदल दी थी. अब ये नई खोज जो हस्तिनापुर में होगी.
Next Story