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राज्य संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी, अध्यक्ष पर गिर सकती है गाज

jantaserishta.com
21 April 2022 5:21 PM GMT
राज्य संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी, अध्यक्ष पर गिर सकती है गाज
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कोलकाता। बंगाल में भाजपा की एक के बाद एक चुनावी हार से क्षुब्ध पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अब राज्य संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसपर जल्द फैसला लिया जा सकता है। पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल भाजपा के हालिया चुनावी प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजुमदार पर भी गाज गिर सकती है। उन्होंने पद से हटाया जा सकता है। उनकी जगह दिलीप घोष को फिर से इस पद पर बिठाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसी तरह सुवेंदु अधिकारी को भी केंद्रीय नेतृत्व के रोष का सामना करना पड़ सकता है।

सूत्रों का कहना है कि सुवेंदु दिल्ली जाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सामने जैसी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वैसा परिणाम नहीं दे पा रहे हैं। पार्टी की राज्य सचिव मंडली व कमेटी से भी कइयों का पत्ता कट सकता है। अमित मालवीय का ट्वीट बंगाल में पार्टी के काम नहीं आ रहा है। बंगाल में नए पर्यवेक्षक पर भी विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि बंगाल भाजपा में अंदरुनी मतभेद भी तेजी से उभर रहा है। सांसद लाकेट चटर्जी समेत कई नेता दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से बंगाल ईकाई की शिकायत कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बंगाल में आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर फिर बगावत तेज हो गई है। चुनाव नतीजे के अगले दिन मुर्शिदाबाद से भाजपा विधायक गौरी शंकर घोष समेत तीन नेताओं के पार्टी की राज्य कमेटी से इस्तीफा देने के बाद नदिया जिले के 10 नेताओं ने जिला कमेटी से इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल बंगाल में एक लोकसभा व एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसे लेकर प्रदेश भाजपा में व्याप्त अंदरूनी कलह उभरकर सामने आ गया है। भाजपा के कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी पर सवाल उठा रहे हैं।
नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर जिला स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों के चयन में उनकी अवहेलना करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अत्याचार के खिलाफ लगातार लड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी में उनलोगों की सिफारिशों की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में उन लोगों को महत्व व पद दिया जा रहा है, जिनका पार्टी की लड़ाई से कोई सरोकार नहीं है।
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