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हरियाली तीज की तैयारियां शुरू, वृंदावन में बांकेबिहारी स्वर्ण झूला में विराजमान होकर देंगे दर्शन
Deepa Sahu
7 Aug 2021 3:07 PM GMT
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मथुरा के वृंदावन में सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इस बार ठाकुर श्रीबांकेबिहारी स्वर्ण हिंडोले (झूला) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
मथुरा के वृंदावन में सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इस बार ठाकुर श्रीबांकेबिहारी स्वर्ण हिंडोले (झूला) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। कोविड के कारण पिछली साल भक्त ठाकुर जी के इस अद्भुत मनोरथ के दर्शन से वंचित रह गए थे। हरियाली तीज पर ठाकुरजी स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर सुबह आठ से दो बजे तक और शाम को पांच से रात 11 बजे तक भक्तों को दर्शन देंगे। श्रीबांकेबिहारी मंदिर में हरियाली तीज के आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त को है। इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ने का अनुमान है।
आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 से वृंदावन स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर में शुरू हुई स्वर्ण हिंडोले में ठाकुरजी के दर्शन की परंपरा आज भी बरकरार है। बताया जाता है कि सन 1946 में ठाकुर बांकेबिहारी के भक्त सेठ हरगुलाल बेरीबाल परिवार ने बनारस के कारीगर लल्लू से स्वर्ण रजत हिंडोले बनवाया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कनकपुर के जंगलों से लकड़ी मंगवाई गई। उस लकड़ी पर नक्काशी उकेरने के बाद एक हजार तोला सोना व दो हजार तोला चांदी के पतरों से झूले को अंतिम रूप दिया गया। देश की आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को ठाकुर बांकेबिहारी पहली बार इस दिव्याकर्षक हिंडोले पर विराजित हुए। इस दिन हरियाली तीज का पर्व था।
लगभग 74 वर्षों का इतिहास समेटे इस हिंडोले का आकर्षण आज भी बरकरार है। हिंडोले के ऊपरी हिस्से पर की पच्चीकारी अपने आप में अद्भुत है। हिंडोले के दोनों ओर आदमकद सखियों की प्रतिमाएं बरबस ही भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हिंडोले पर विराजमान ठाकुर बांकेबिहारी के श्री विग्रह को सुगंधित इत्र, रेशम की कढ़ाई वाले हरे रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं।
श्री बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा ने बताया कि हरियाली तीज की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोरोना की बंदिश के कारण पिछले वर्ष भक्तों को दर्शन सुलभ नहीं हो सके थे। इस बार हरियाली तीज पर ठाकुर जी स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर दर्शन देंगे।
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