
कांगड़ा। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 14 जनवरी से शुरू होने जा रहे जिला स्तरीय घृत मंडल पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। माता की पिंडी पर देसी घी को एक सौ एक बार पानी से धोकर मक्खन तैयार करने का कार्य पुजारियों ने शुरू कर दिया है। लगभग आठ क्विंटल 10 किलो देसी …
कांगड़ा। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 14 जनवरी से शुरू होने जा रहे जिला स्तरीय घृत मंडल पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। माता की पिंडी पर देसी घी को एक सौ एक बार पानी से धोकर मक्खन तैयार करने का कार्य पुजारियों ने शुरू कर दिया है। लगभग आठ क्विंटल 10 किलो देसी घी पिंडी पर चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं ने दान स्वरूप भेंट किया है। मक्खन बनाने के लिए देसी घी दान देने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वही लगभग 3 क्विंटल मक्खन पुजारी वर्ग द्वारा तैयार कर दिया गया है। इस बार भी मंदिर परिसर में चौदह जनवरी रात को विशाल भगवती जागरण का आयोजन किया जाएगा।
वहीं मंदिर को फूलों और रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। मकर संक्रांति पर मां की पिंडी पर चढऩे वाले मक्खन को बनाने की विधि आसान नहीं है। ठंड के बावजूद देसी घी को शीतल जल में एक सौ एक बार धोकर मक्खन बनाने के दौरान हाथ सुन्न से हो जाते हैं, पर मां के आशीर्वाद से यह काम जारी रहता है। पुजारियों का कहना है कि माता के आशीर्वाद से घृत पर्व के सभी कार्य स्वयं हो जाते हैं। पुजारी निशांत शर्मा ने बताया कि 14 जनवरी की रात्रि मां की पावन पिंडी पर मक्खन का लेप किया जाएगा। 7 दिनों के पश्चात इस मक्खन को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा यह मक्खन चर्म रोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है। जानकारी देते हुए मंदिर अधिकारी नीलम कुमारी ने कहा कि 8 क्विंटल 10 किलो देसी घी श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में दान दिया गया है। वहीं आगामी दिनों में देसी घी की मात्रा में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। मंदिर प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं।
