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नई दिल्ली. देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. हर दिन कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन (Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) देने की तैयारी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार इस पर जल्द ही कोई निर्णय ले सकती है.
मेडिकल जर्नल नेचर में प्रकाशित खबर के मुताबिक कई देशों के वैज्ञानिकों के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी बहुत से स्वास्थ्यकर्मी डेल्टा वैरिएंट के चलते संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि शोध में बताया गया है कि जो भी स्वास्थ्यकर्मी संक्रमण की चपेट में आ रहा है उसमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं लेकिन उन्हें आइसोलेशन में जाना पड़ रहा है.
आईजीआईबी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य कर्मियों की किसी भी तरह की संभावित कमी को रोकने के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत करना जरूरी है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बूस्टर डोज पर वैज्ञानिक अध्ययन कम होने के कारण अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम इस पर काम कर रही है. टीके को लेकर गठित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति के एक सदस्य ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की बूस्टर डोज देने की तैयारी चल रही है.
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने लोगों को यह कहते हुए आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली नहीं है बल्कि आ चुकी है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अभी गणपति बप्पा आने वाले हैं इसलिए मैंने ऐलान किया है कि 'मेरा-घर मेरा बप्पा.' मैं अपने बप्पा को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी. इसके अलावा 'मेरा मंडल, मेरा बप्पा' का नारा है. मंडल में दस कार्यकर्ता इसका खयाल रखेंगे. कोई भी इधर-उधर बिना मास्क के नहीं घूमेगा. तीसरी लहर आने वाली नहीं है बल्कि आ चुकी है. नागपुर में तो अभी ऐलान भी किया गया है.'
मुंबई के अस्पताल में भर्ती दो तिहाई ने नहीं लगवाई है कोरोना वैक्सीन
मुंबई के अस्पतालों के आईसीयू वार्ड में बड़ी संख्या में फिर से कोविड-19 के मरीज भर्ती हो रहे हैं. इसमें अहम बात यह है कि आईसीयू (ICU) में भर्ती दो-तिहाई लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. ऐसे में मुंबई में बढ़ रहे गंभीर कोरोना केस का कारण अस्पतालों ने वैक्सीन न लगवाने को बताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सेवन हिल्स अस्पताल के आईसीयू में मुंबई के लगभग एक तिहाई गंभीर कोरोना मरीज भर्ती हैं. इनमें से लगभग 68 फीसदी मरीजों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. 133 मरीजों में से 91 मरीजों ने एक भी डोज नहीं ली है.
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