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वंदे भारत की तर्ज पर ट्रेनों को ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से लैस करने की तैयारी

Admin Delhi 1
3 Jun 2023 12:45 PM GMT
वंदे भारत की तर्ज पर ट्रेनों को ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से लैस करने की तैयारी
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कोटा: अब चलती ट्रेन में धूम्रपान किया तो ट्रेन के पहिए थम जाएंगे। साल 2020 मे बने एलएचबी कोच में रेलवे की की ओर से स्मोक डिटेक्टर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे के तीनों उपखंड के 170 कोच में स्मोक डिटेक्टर लगाने की रेलवे की ओर से तैयारियां की जा रही है। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा, भोपाल और जबलपुर रेल मंडलों की ट्रेनों में जल्द ही चोरी-छिपे बीड़ी-सिगरेट पीने वाले रेलवे सुरक्षा बल की नजरों में आ जाएंगे। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।अब चलती ट्रेने में बीड़ी, सिगरेट और धुंआ उठते ही अर्लाम अर्लट कर देंगा और आॅटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से ब्रेक लग जाएंगे। उल्लखनीय है कि रेलवे आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पहले उन्होंने पेंट्रीकार से गैस के सिलेंडर हटाए अब ट्रेन में बीड़ी, सिगरेट और अन्य ज्वलशील पर्दार्थो से लगने वाली आग से बचाव के लिए स्मोक डिटेक्टर सिस्टम लगा रही है। रेलवे विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2020 में तैयार हुए कोच में ये सिस्टम नहीं होने से पहले इनको बदला जाएगा। नए एलएचबी कोच में ये सिस्टम लगकर आ रहे हैं।

क्या है एलएचबी कोच

भारतीय रेलवे इन दिनों ट्रेनों में मॉडर्न एलएचबी कोच लगाने पर जोर दे रहा है। धीरे-धीरे ट्रेनों में एलएचबी कोच की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए आईसीएफ कोच को ट्रेनों से हटाया जा रहा है। आईसीएफ कोच चेन्नई की फैक्ट्री में बनते हैं। इनकी मैन्यूफैक्चरिंग 1952 से हो रही है, जबकि एलएचबी कोच जर्मनी की कंपनी के नाम पर है। इसका पूरा नाम लिंक हाफमैन बुश है। अब यह कपूरथला में बनने लगा है। भारतीय रेलवे इस कोच को सन 2000 में जर्मनी से लेकर आया था। आईसीएफ कोच स्टेनलेस स्टील का बना होता है। इस कारण बहुत भारी होता है, जबकि एलएचबी कोच माइल्ड स्टील से बनता है। यह वजन में हल्का और उपयोगी रहता है। नीले रंग वाले डिब्बे आईसीएफ कोच होते हैं और राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनों में लाल रंग के डिब्बे एलएचबी कोच होते हैं। आईसीएफ कोच में एयर ब्रेक का प्रयोग होता है। इस वजह से ब्रेक लगाने पर ट्रेन काफी दूर जाकर रुकती है, जबकि एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक का प्रयोग होता है। ब्रेक लगाने पर कुछ ही दूरी पर ट्रेन रुक जाती है। आईसीएफ कोच के सस्पेंशन के मुकाबले एलएचबी कोच में 60 डेसीबल तक की आवाज होती है, जो कंफर्टेबल भी है। एलएचबी कोच में डबल सस्पेंशन होता है। एलएचबी कोच की खासियत यह भी है कि इसमें सेंट्रल कपलिंग होती है। इस वजह से दो बोगियों को आपस में जोड़ा जाता है।

पकड़े जाने वाले लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई

वर्तमान में स्मोक डिटेक्टर डिवाइस का उपयोग अजमेर-दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में किया जा रहा है। अब इस डिवाइस का उपयोग कोटा मंडल मार्ग पर संचालित होने वाली अन्य ट्रेनों में भी करने की तैयारी की जा रही है। अक्सर ट्रेन में सफर करते समय किसी दूसरे यात्री की लत के कारण अन्य यात्रियों को धूम्रपान की शिकायत रहती है। शिकायत करने के बावजूद इसका जिम्मेदार कम ही पकड़ में आता है। अब रेलवे की ओर से इस स्थिति से निपटने के लिए खास तैयारी की जा रही है। रेल प्रशासन की ओर से धूम्रपान करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए डिब्बों में स्मोक डिटेक्टर डिवाइस लगाई जाएगी। यह डिवाइस लगने के बाद बाथरुम या चोरी-छिपे सिगरेट या बीड़ी पीते ही अलार्म बजना शुरू हो जाएगा और संबंधित यात्री के खिलाफ रेलवे की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

हर कोच में लगेंगे 12 से 14 स्मोक डिटेक्टर सेंसर

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हर कोच में औसतन 12-14 स्मोक डिटेक्टर लगाए जाएंगे। मुख्य रूप से पेंट्रीकार, इंजन, एसी कोच आदि में यह डिटेक्शन सेंसर लगेंगे। गौरतलब है कि भविष्य में देशभर में चल रही ट्रेनों में केवल एलएचबी कोच ही लगाए जाएंगे। आईसीएफ कोच का निर्माण तक बंद कर दिया गया है।

170 कोच में किया जाएगा डिटेक्शन सिस्टम सेंसर इंस्टाल

निशातपुरा स्थित कोच फैक्ट्री में आने वाले 170 कोचों में स्मोक डिटेक्टर लगाए जाएंगे। हालांकि यह डिटेक्टर भोपाल, जबलपुर और कोटा मंडल अपने यहां के कोचों में लगवाएंगे। वर्ष 2020 से पहले बने जर्मन टेक्नोलॉजी के लिंक हॉफमैन बोश (एलएचबी) कोचों में मुख्य रूप से यह डिटेक्शन सिस्टम सेंसर इंस्टॉल किए जाएंगे। अगले चरण में वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर आॅटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम इंस्टॉल करने की तैयारी भी कोच फैक्ट्रियों में चल रही है। अभी वंदे भारत एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियों में जैसे ही धुआं निकलेगा, तत्काल उसके ब्रेक लग जाते हैं। ऐसा ही सिस्टम एलएचबी कोचों में भी लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

इनका कहना

साल 2020 के एलएचबी कोच में स्मोक डिटेक्टेशन सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है। कोटा, जबलपुर, भोपाल मंडल के 170 कोच में इनको लगाया जाएगा।

-राहुल श्रीवास्तव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

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