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इस वायरल वीडियो के बाद सुर्खियों में प्रशांत किशोर! कांग्रेस के नेताओं ने साधा निशाना

jantaserishta.com
30 Oct 2021 3:42 AM GMT
इस वायरल वीडियो के बाद सुर्खियों में प्रशांत किशोर! कांग्रेस के नेताओं ने साधा निशाना
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फाइल फोटो 

नई दिल्ली: गोवा के एक कार्यक्रम में बीजेपी की आने वाली राजनीति पर बड़ा बयान देने वाले प्रशांत किशोर को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. अपने बयान में क्योंकि प्रशांत ने कांग्रेस को आईना दिखाया और राहुल पर भी निशाना साधा, ऐसे में कहा जाने लगा कि उनके रिश्ते अब गांधी परिवार से बिगड़ने जा रहे हैं.

लेकिन अगर सोशल मीडिया की इन अटकलों को छोड़ दिया जाए तो शायद ही प्रशांत किशोर के कद में और उनके कांग्रेस संग रिश्तों पर कोई भी असर पड़ने वाला है. इसके तीन मख्य कारण हैं. पहला तो ये कि जिस कार्यक्रम में पीके ने अपने विचार रखे थे, वो सब ऑफ रिकॉर्ड था. ये तो किसी ने वीडियो बनाई जिस वजह से उनका बयान वायरल रहा. दूसरी बात ये है कि प्रशांत किशोर कोई कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं जो उन पर पार्टी के अनुशासन लागू हो सकते हैं. इस सब के अलावा खुद प्रशांत मानते हैं कि जिन समस्याओं के बारे में उन्होंने वीडियो में बात की है, इस बात की जानकारी गांधी परिवार को पहले से है. कई मौकों पर पीके द्वारा कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलने के लिए कहा गया है.
लेकिन वीडियो में क्योंकि प्रशांत साफ कह गए कि आने वाले कई सालों तक बीजेपी ही राजनीति की केंद्र में रहने जा रही है, ऐसे में कांग्रेस ने इसे पीके की 'भक्ती' बताना शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने एक ट्वीट कर प्रशांत पर तीखा प्रहार किया. उनकी नजरों में क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें कोई पद ऑफर नहीं किया, ऐसे में अब वे बीजेपी की चरणवंदना कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि भाजपा के छिपे चेहरों का पर्दाफाश जारी. पहले- कांग्रेस के बिना विपक्ष नहीं. फिर - कांग्रेस में पद पाने की गुहार, गुहार बर्खास्त. अंत में - वापस भाजपा की चरणवंदना. निष्कर्ष : एक और भक्त का मुखौटा उतरा.
अब पीके को लेकर कुछ कांग्रेस नेताओं की ये तल्खी हैरान नहीं करती है. वैसे भी पीके पीएम मोदी के लिए सफल रहे, ममता के लिए भी सटीक रहे लेकिन कांग्रेस के लिए कुछ खास नहीं कर पाए. 2017 के यूपी चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पीके की मदद ली थी. तब पीके के कहने पर राहुल गांधी ने खाट पंचायत भी कीं और दिल्ली-मुंबई मॉडल के तहत यूपी में शीला दीक्षित और राज बब्बर की एंट्री करवा दी. लेकिन चुनाव के नतीजे आए और प्रशांत की हर रणनीति फेल साबित हुई. ऐसे में तभी से कांग्रेस के कुछ नेता पीके से नाराज दिखाई पड़ते हैं.
राज बब्बर तो खुलकर बोल चुके हैं कि वे प्रशांत किशोर को अपना नेता नहीं मानते हैं. उनके लिए सिर्फ एक ही चेहरा है, एक ही नेता है..वो हैं राहुल गांधी. ऐसे में दो साल के लिए कांग्रेस और पीके के बीच भी दूरियां काफी ज्यादा बढ़ती दिख गई थीं.लेकिन फिर 2020 में जब कांग्रेस को फिर खुद को जमीन पर मजबूत करना था, तब पीके संग बैठकों का दौर शुरू हो गया. सोनिया से लेकर राहुल तक, सभी से मुलाकात भी हुई और आगे की रणनीति पर चर्चा भी. उन चर्चाओं ने ही इस चर्चा को भी हवा दे दी कि पीके कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं.
लेकिन अभी के लिए ऐसा कुछ नहीं होने वाला है और पीके गोवा में ममता की सियासी जमीन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं.


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