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प्रशांत किशोर भवानीपुर से बने वोटर, तृणमूल राज्यसभा में भेजने की तैयारी

Kunti Dhruw
25 Sep 2021 5:53 PM GMT
प्रशांत किशोर भवानीपुर से बने वोटर, तृणमूल राज्यसभा में भेजने की तैयारी
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क्या अब तृणमूल कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की भवानीपुर से राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है.

क्या अब तृणमूल कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की भवानीपुर से राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है? दरअसल बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले प्रशांत किशोर हाल ही में भवानीपुर से वोटर बने हैं। भवानीपुर वहीं विधानसभा सीट है जहां 30 सितंबर को उप-चुनाव होने हैं और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इस उप-चुनाव में मैदान में हैं। ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि इस सीट से जीतने के बाद ही वो राज्य के सीएम के तौर पर बनी रह सकती हैं। हालांकि, टीएमसी ने प्रशांत किशोर को राज्यसभा में भेजने का मन बनाया है या नहीं? अभी इसपर पार्टी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।

टीएमसी के नेता सौगत रॉय ने कहा कि अगर कोई राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मीडिया से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, 'मैं देखता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वो एक भारतीय नागरिक हैं और किसी भी राज्य के वोटर बन सकते हैं। दूसरी बात यह है कि अगर कोई राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मैं उनकी योजना के बारे में नहीं जानता।'
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या टीएमसी उन्हें राज्यसभा भेजेगी। इसपर उन्होंने कहा कि वो इसके बारे में नहीं जानते हैं। आपको बता दें कि इसी महीने टीएमसी नेता अर्पिता घोष ने पार्टी के निर्देश पर राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से यह सीट खाली है।
पश्चिम बंगाल में जीत हासिल करने के बाद टीएमसी ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक)के साथ चल रहा अपना कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू कर लिया था। इस कंपनी को प्रशांत किशोर ने लॉन्च किया था। नया कॉन्ट्रैक्टर साल 2024 के लोकसभा चुनाव तक के लिए साइन किया गया है।
प्रशांत किशोर के भवानीपुर से वोटर बनने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि 'महिला और पुरुष अपने करियर के लिए एक शहर में सेटेल होते हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब मैंने एक कॉन्ट्रैक्चुअल लेबर के लिए यह बात सुनी है। भारतीय निर्वाचन आयोग को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या उनका नाम बिहार के शहर से हट गया है।'


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