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'योग दिवस' पर सांसदों को संबोधित करेंगी प्रज्ञा ठाकुर, कांग्रेस ने PM मोदी को याद दिलाया, कहा- 'मन से माफ नहीं कर पाऊंगा'
Deepa Sahu
18 Jun 2021 6:31 PM GMT
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21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लोकसभा सचिवालय द्वारा ऑनलाइन योग सत्र आयोजित किया गया है।
21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लोकसभा सचिवालय द्वारा ऑनलाइन योग सत्र आयोजित किया गया है। इस योग सत्र को चार भागों में बांटा गया है। इनमें से एक सत्र को भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी संबोधित करेंगी। साध्वी प्रज्ञा के संबोधन को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है और उनके पुराने बयान को याद दिलाया गया है। जिसमें उन्होंने साध्वी प्रज्ञा के द्वारा नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए विवादित बयान पर कहा था कि वे कभी भी दिल से माफ़ नहीं कर पाएंगे।
लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन योग कार्यक्रम को चार सत्रों में बांटा गया है। पहला सत्र 7 बजे से शुरू होगा. इस सत्र को प्रसिद्ध योग गुरु डॉक्टर देसाई संचालित करेंगे। तीसरा सत्र भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर लेंगी। उनके सत्र का नाम " योगा अ वे ऑफ लाइफ" रखा गया है। ये सत्र दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक। इस सत्र में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सांसदों को योग के महत्व के बारे में बताएंगी।
साध्वी प्रज्ञा के द्वारा योग दिवस के कार्यक्रम को संबोधित किए जाने को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद मनिक्कम ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या पीएम मोदी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मन से माफ कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी योग दिवस पर वे सभी सांसदों की मुख्य अतिथि होगीं। इससे पता चलता है कि उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को मन से माफ़ कर दिया है। कांग्रेस सांसद ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी का वह वीडियो भी शेयर किया है कि जिसमें वो कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वे साध्वी प्रज्ञा को कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे।
बता दें कि भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ने एक बार बयान देते हुए कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत ख़राब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि वे साध्वी प्रज्ञा को मन से कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे।
29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के एक शहर मालेगांव की एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर धमाका होने से छह लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के अलावा कई लोग आरोपी हैं। इनमें से अधिकांश लोगों पर यूएपीए जैसे गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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