
देश में ही बना पहला बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर (एलसीएच) सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में वायु सेना के बेड़े में शामिल हो गया। यहां वायु सेना स्टेशन में आयोजित समारोह में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने रक्षा मंत्री को एलसीएच की पारंपरिक चाबी सौंपी जिसे बाद में रक्षा मंत्री ने वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी को प्रदान किया। इसके साथ यह हेलिकॉप्टर वायु सेना के हेलिकॉप्टर बेड़े में शामिल हो गया। इस मौके पर देश के दूसरे प्रमुख रक्षा अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत) भी मौजूद रहे।
वहीं तारीफ करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एलसीएच को नवरात्र से अच्छा समय और राजस्थान की धरती से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। वीरों की धरती से नवरात्र में इसकी शुरुआत हुई। एलसीएच के शामिल होने से वायुसेना की शक्ति बढ़ेगी। देश की स्वदेशी तकनीक पर गर्व है। उन्होंने कहा कि एक मिनट में 750 गोलियां बरसाने वाला एलसीएच दुश्मनों को आसानी से चकमा दे सकता है।
इससे पहले एलसीएच को बेड़े में शामिल किये जाने से पहले एक सर्वधर्म प्रार्थना भी की गयी। एलसीएच को बेड़े में शामिल किये जाने के बाद रक्षा मंत्री ने इसका नामकरण करते हुए इसे 'प्रचंड' नाम दिया। अब से इस हेलिकॉप्टर को प्रचंड के नाम से जाना जायेगा। प्रचंड को बेड़े में शामिल किये जाने के बाद पानी की बौछारों ' वाटर केनन ' से इसे पारंपरिक सलामी दी गयी।
अत्याधुनिक मिसाइलों तथा राकेटों से लैस प्रचंड दुश्मन के छक्के छुड़ाने तथा उसे नेस्तानाबूद करने में पूरी तरह सक्षम है। इसे वायु सेना की 143 हेलिकॉप्टर यूनिट में शामिल किया गया है। अभी तक वायु सेना विदेशी लड़ाकू हेलिकाप्टरों का इस्तेमाल करती आ रही थी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गत मार्च में ही 15 एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी।
