अल्मोड़ा: बिजली कटौती का संकट, प्राकृतिक स्रोतों में पानी की लगातार हो रही कमी और जल संस्थान के पास अपर्याप्त संसाधनों का खामियाजा अब जिले के नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग के पर्याप्त टैंकर ना होने से लोगों को टैंकरों से भी पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
जिले के विकास खंड सल्ट की बात करें तो यहां के लाखों लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से कोटेश्वर-शशीखाल व गुलार करगेत पेयजल योजना का निर्माण कराया गया। लेकिन पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बिजली की अघोषित कटौती हो रही है। जिस कारण दोनों योजनाओं के पंप निर्धारित समय तक नहीं चल पा रहे हैं और टैंकों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रहा है। जिस कारण अब लोगों को पानी के लिए प्राकृतिक पेयजल स्रोतों की दौड़ लगानी पड़ रही है।
कोटेश्वर शशीखाल पेयजल योजना के पंप आपरेटर जगमोहन सिंह ने बताया कि बिजली की कटौती होने से पंप लगातार काम नहीं कर पा रहे हैं। जिससे यह दिक्कत सामने आ रही है। इधर, जिला मुख्यालय के अनेक स्थानों पर पानी की किल्लत हो रही है। विभाग के पास पानी की आपूर्ति के लिए सिर्फ तीन टैंकर उपलब्ध हैं। जो नाकाफी साबित हो रही है।
इधर, जिले के लमगड़ा, बाड़ेछीना, सोमेश्वर, स्याल्दे, भिकियासैंण, ताड़ीखेत, धौलादेवी और भैंसियाछाना आदि क्षेत्रों में भी पेयजल किल्लत ने विकराल रूप धारण कर लिया है। लेकिन विभाग पेयजल आपूर्ति करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों से शीघ्र पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है।