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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र में गवर्नर के भाषण के दौरान बिजली गुल होने के मामले में इंजीनियर पर की गई कार्रवाई पर पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने विरोध दर्ज कराया है. उत्तर प्रदेश पावरऑफिसर एसोसिएशन इस मामले को जल्द ही बोर्ड के चेयरमैन के सामने रखेगा और सस्पेंड किए गए इंजीनियरों की बहाली की मांग करेंगे.
दो दिन पहले राजधानी लखनऊ में आंधी-तूफान के बाद जोरदार बारिश हुई थी. आंधी के कारण कई जगह पेड़ गिर गए. कई जगहों पर बिजली के तार टूट गए थे. ट्रांसमिशन उपखंड मार्टिनपूरवा लाइन ट्रिप हाे गई थी.जिससे विधानसभा समेत आसपास के इलाकों में बिजली गुल हो गई थी. इसी दौरान विधानसभा में गर्वनर आनंदी पटेल बोल रहीं थीं. इसके बाद अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन (Executive Engineer Transmission) सहित 3 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. वहीं एक संविदा पर काम करने वाले अधिकारी को बर्खास्त भी किया गया. सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन संजय पासवान, उपखंड अधिकारी (Subdivision officer) पुष्पेश गिरी और अवर अभियंता अमर राज शामिल हैं. वहीं, उपकेंद्र परिचालक (sub station operator) दीपक शर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी गई.
सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में यूपी पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने विरोध दर्ज कराया है. यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा पर किसी का कंट्रोल नहीं होता है आकस्मिक प्राकृतिक आपदा पर अभियंताओं खिलाफ कार्रवाई करना गलत है. विद्युत वितरण संघिता 2005 के अनुसार आंधी और पानी के दौरान अगर बिजली कटी है तो उसके लिए कोई एक्शन नहीं हो सकता है. यह एक प्राकृतिक आपदा है. ऐसे में प्राकृतिक आपदा के दौरान किसी अभियंता की जिम्मेदारी नहीं होती है. सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई गलत है. जिसको लेकर बोर्ड के चेयरमैन से शिकायत दर्ज की जाएगी.
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