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कोरोना की वजह से केजीएमयू में लाशों का पोस्टमॉर्टम रुका, करना पड़ रहा लंबा इंतजार
Deepa Sahu
20 April 2021 6:33 PM GMT
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पोस्टमॉर्टम हाउस में डॉक्टरों की भारी कमी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पोस्टमॉर्टम हाउस में डॉक्टरों की भारी कमी है. पोस्टमॉर्टम हाउस के प्रभारी सहित अन्य स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गया है. यहां दो डॉक्टर की तैनाती की गई है, लेकिन आते सिर्फ एक ही डॉक्टर हैं. इस वजह से लाशों का सही समय पर पोस्टमॉर्टम नहीं हो पा रहा है. सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे ये पोस्टमॉर्टम हाउस चल रहा है. डॉक्टर की कमी की वजह से कई लाशें यहां पर रखी हुई हैं, वहीं मृतकों के परिजन इंतजार कर रहे हैं.
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस के प्रभारी पीएस पवार और अन्य कर्मचारियों के कोविड संक्रमित होने के उपरांत दो डाक्टरों समेत कुल 4 टीमों को पोस्टमॉर्टम हाउस की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मिली जानकारी के मुताबिक दो डॉक्टरों की तैनाती में से सिर्फ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल से एक डॉक्टर ही यहां आ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि इनका भी काई निश्चित समय नहीं है. बताया जा रहा है कि वे ज्यादातर 12 बजे के बाद ही आते हैं. ऐसे में यहां आने वाली लाशों के पोस्टमॉर्टम की जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं पर है. पहले तो सिर्फ एक डॉक्टर और उसके बाद देरी से पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचना. बस यही वजह मानी जा रही है कि यहां पोस्टमॉर्टम के लिए लाशों की संख्या बढ़ती जा रही है.
वहीं इस बारे में पोस्टमॉर्टम हाउस के एक कर्मचारी ने बताया कि सीएमओ से शिकायत करने के बाद भी हालातों में सुधार नहीं हुआ है. यहां पोस्टमॉर्टम के लिए सिर्फ एक डॉक्टर ही आते हैं. ये हालत तब है, जब पोस्टमॉर्टम हाउस में दो डॉक्टर की तैनाती की गई है. सीएमओ को इस बारे में अवगत भी कराया जा चुका है, लेकिन उनका इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
वहीं बताया ये भी गया है कि केजीएमयू प्रशासन की ओर से पोस्टमॉर्टम हाउस में तैनात किए गए फार्मासिस्ट को भी यहां अब तक पोस्टिंग नहीं मिल सकी है. क्योंकि फार्मासिस्ट केजीएमयू के जिन विभागों में तैनात हैं, वहां से उन्हें रिलीज ही नहीं किया जा रहा है. ऐसे में पोस्टमॉर्टम हाउस में लाशों की संख्या बढ़ती जा रही है. गर्मी के समय में मृतकों के परिजन परेशान हो रहे हैं.
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