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बंगाल चुनाव हिंसा में सीबीआई की जांच काफी आगे बढ़ गई है. अब तक जांच एजेंसी द्वारा दो मामलों में 11 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है, वहीं 34 FIR भी दर्ज कर ली हैं. इसके अलावा हिंसा जांच के दौरान अलग-अलग मामलों में चार चार्जशीट भी दाखिल की गई हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई द्वारा बंगाल हिंसा की जांच की जा रही है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि हत्या और बलात्कार जैसे मामलों की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाएगी.
वहीं बाकी बचे मामलों के लिए एक SIT गठित करने के निर्देश थे. उस SIT का गठन भी हुआ और मदद के लिए राज्य सरकार ने 10 IPS अधिकारियों की भी नियुक्ति की. इसमें नॉर्थ, साउथ, वेस्ट और कोलकाता पुलिस से दो-दो अधिकारियों को चुना गया था जो अब हिंसा की जांच में SIT संग काम कर रहे हैं.
ये अलग बात रही कि ये SIT राज्य सरकार द्वारा तब गठित की गई जब एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शिकायत की कि जांच में सरकार सहयोग नहीं कर रही. उस याचिका के बाद ही SIT का गठन हुआ और अब बंगाल हिंसा में जांच जारी है.
कैसे शुरू हुआ था ये मामला?
बता दें कि बंगाल हिंसा के बाद ममता सरकार की सबसे ज्यादा मुसीबत मानव अधिकारों की जांच कमेटी की एक रिपोर्ट ने बढ़ा दी थी. उस रिपोर्ट में काफी स्पष्टता से राज्य सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया गया था. कहा गया था कि सरकार ठीक तरीके से कार्रवाई करने में फेल रही थी. उस रिपोर्ट में ही हिंसा की सीबीआई जांच की भी मांग की गई थी. ऐसे में बाद में उस रिपोर्ट के आधार पर ही कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश सुनाए थे.
अब सीबीआई एक्शन मोड में नजर आ रही है. लगातार लोगों से बातचीत का दौर जारी है. कभी घटनास्थल पर जा जांच हो रही है तो कभी सीधे पीड़ितों से संवाद स्थापित किया जा रहा है. पूरी कोशिश है कि समय रहते इस जांच को पूरा कर लिया जाए.
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