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पोर्श कार हादसा: कमिश्नर ने दो पुलिस वालों को किया सस्पेंड

Shantanu Roy
24 May 2024 3:11 PM GMT
पोर्श कार हादसा: कमिश्नर ने दो पुलिस वालों को किया सस्पेंड
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जांच में होंगे कई बड़े खुलासे
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। कमिश्नर ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। आपको बता दें कि आरोपी नाबालिग के पिता ने अब दावा किया है कि घटना के समय कार उनका बेटा नहीं बल्कि ड्राइवर चला रहा था। ड्राइवर को गुनाह कबूल भी कर लिया है। अब पुलिस कमिश्नर ने कहा कि चश्मदीदों के बयान और सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पास हैं, जो कि साबित करते हैं कि गाड़ी नाबालिग लड़का ही चला रहा था। आरोपियों ने ड्राइवर के जरिए पुलिस जांच को गुमराह करने की कोशिश की है। इस मामले में पुणे के कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि घटना के समय नाबालिग ही गाड़ी चला रहा था। हमारे पास इसके कई सबूत हैं। अभी तक की जांच में ये बात भी निकलकर सामने आ रही है कि आरोपी के पिता ने इस दुर्घटना के बाद अपने बेटे की जगह ड्राइवर बदलने की कोशिश की गई थी। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि वह कार चला रहा है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर ने यह बयान किसके दबाव में दिया था।

पुणे में 18 मई कल्याणपुरी इलाके में 17 साल के नाबालिग ने हाई स्पीड पोर्श कार से 2 लोगों की जान ले ली थी। आरोप है कि नाबालिग शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था। आरोपी को घटना के महज 15 घंटे के अंदर जमानत मिल गई। आरोप है कि पुलिस पर ऐसे आरोप लगे कि आरोपियों के खिलाफ धाराएं कम लगाई गईं, जिस वजह से कोर्ट ने उन्हें जल्दी जमानत दी। कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था। पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने की घटना में लापरवाही भी सामने आई है। जांच में सामने आया है कि घटना के बाद यरवदा पुलिस स्टेशन के दो अफसर घटनास्थल पर पहुंचे थे लेकिन उन्होंने कंट्रोल रूम को इसकी सूचना नहीं दी थी। इनमें एक जोन-1 के डीसीपी गिल भी नाइट राउंड पर थे लेकिन उन्हें इस हादसे की कोई जानकारी नहीं दी गई क्योंकि इन दोनों अफसरों ने कंट्रोल रूम को सूचित ही नहीं किया। कमिश्नर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि नाबालिग को घटना के बाद कस्टडी में पिज्जा और बर्गर खाने को दिया गया था।
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