बिहार के जहानाबाद जिले के टेनीबीघा गांव का रहने वाले रौशन कुमार पढ़-लिखकर अब अफसर बनने जा रहे हैं. अपनी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने अपना और अपने परिवार का सपना पूरा किया है. अफसर बेटे के गांव आने पर ग्रामीण काफी खुश हैं. उन्होंने उनका फूल माला और ढोल नगाड़ों से उसका स्वागत किया. रौशन कुमार के माता-पिता आज से अठारह वर्ष पूर्व गांव छोड़ कर पटना जा बसे थे. यहां उन्होंने छोटी सी परचून की दुकान चला कर अपने मेधावी बेटे को सरकारी नौकरी में लाने का प्रण किया था. आज उस बेटे ने अफसर बन कर उनके अरमानों और सपने को पूरा कर दिया है. रौशन कुमार ने प्रतिष्ठित बीपीएससी (BPSC) की इंजीनयरिंग सेवा में सफलता के आयाम गढ़ते हुए 95वीं रैंक हासिल की है.
रौशन की मां ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. गांव में पढ़ाई-लिखाई का सही माहौल नहीं होने की वजह से उनका परिवार वर्ष 2003 में पटना में किराया के मकान में रहने लगा. यहीं पर उन्होंने छोटी से परचून की दुकान खोल ली और उससे होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया. इसका फल उन्हें अब मिलने लगा है. बीपीएससी की परीक्षा पास करने वाले रौशन कुमार सात वर्ष बाद अब अपने गांव आये हैं. कभी गांव की गलियों में घूमने वाले होनहार रौशन की सफलता पर ना सिर्फ उसके घरवाले बल्कि पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है.