उत्तर प्रदेश

pollution : कानपुर में घटा वायु प्रदूषण 25 प्रतिशत से ज्यादा घटे दो साल में हवा में धूल के कण

2 Jan 2024 1:54 AM GMT
pollution : कानपुर में घटा वायु प्रदूषण 25 प्रतिशत से ज्यादा घटे दो साल में हवा में धूल के कण
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कानपुर नगर निगम की तरफ से कराए गए कार्यों से बीते दो वर्षों में शहर में वायु प्रदूषण के स्तर में 25 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है। चालू वित्तीय वर्ष में गुड-डे भी बढ़कर 235 हो गए हैं। एक महीने बाद इनमें और वृद्धि की संभावना है। वहीं, वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए …

कानपुर नगर निगम की तरफ से कराए गए कार्यों से बीते दो वर्षों में शहर में वायु प्रदूषण के स्तर में 25 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है। चालू वित्तीय वर्ष में गुड-डे भी बढ़कर 235 हो गए हैं। एक महीने बाद इनमें और वृद्धि की संभावना है। वहीं, वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने प्रस्तावित कार्यों का एस्टीमेट तैयार किया है। हालांकि इन कार्यों की स्वीकृति के लिए 15वें वित्त की बैठक का इंतजार हो रहा है। स्वीकृति न मिलने से न टूटी सड़कें, फुटपाथ बन पा रहे हैं और न ही हरियाली बढ़ पा रही है। देश के सर्वाधित प्रदूषित शहरों में शामिल रहे इस शहर को वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए धन आवंटित करने के साथ ही पीएम-10 को हर साल 15 प्रतिशत घटाने और गुड-डे की संख्या 15 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है।

गुड-डे उस दिन को कहते हैं, जिस दिन प्रदूषण की मात्रा 200 एक्यूआई से नीचे रहती है। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में पीएम-10 127 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब था। जो इस साल में घटकर 107.95 के स्तर पर आ गया। इस प्रकार इसमें 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

इससे पहले वित्तीय वर्ष 2021-22 में पीएम-10 156 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब था, जिसे वित्तीय वर्ष 2022-23 में घटाकर 132 करने का लक्ष्य था। इसी तरह बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 में 247 गुड-डे दर्ज किए गए जो वित्तीय वर्ष 2021-22 से 35 प्रतिशत ज्यादा थे। चालू वित्तीय वर्ष में नवंबर तक के रिकाॅर्ड के अनुसार 235 गुड-डे हो चुके हैं।
312 करोड़ में 198 करोड़ खर्च सका नगर निगम
वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए तीन साल में मिले 312 करोड़ में से नगर निगम 198 करोड़ ही खर्च कर पाया है। इस धनराशि से सड़कों, फुटपाथों का निर्माण, मरम्मत, मियावाकी पद्धति से विजयनगर सहित तीन स्थानों में पौधरोपण, पार्कों का सुंदरीकरण, चौराहों का सुंदरीकरण, यातायात सुव्यवस्थित करने के लिए विभिन्न स्थानों में आरसीसी और प्लास्टिक के डिवाइडर लगवाना, टूटी सड़कों में मरम्मत के लिए पैथहोल मशीन, सड़कों की सफाई के लिए रोड स्वीपिंग मशीनें के साथ ही सीवेज कार्य कराए जाने हैं।

28.32 करोड़ से वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृति के लिए अगले हफ्ते 15वें वित्त की बैठक होनी है। इसके बाद होने वाली बैठक में इसी मद में हाल ही में मिले 80 करोड़ से विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। -शिवशरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त

वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए होने वाले कई संभावित कार्यों की सूची तैयार है। अन्य कार्यों के लिए जोनवार सर्वे चल रहा है। 15 वें वित्त आयोग की बैठक और स्वीकृति मिलते ही ये कार्य कराए जाएंगे। -मनीष अवस्थी, मुख्य अभियंता, नगर निगम
वायु प्रदूषण के मद में मिले धन से जो विकास कार्य हुए हैं, उनसे वायु प्रदूषण कम हुआ है। इसे और नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। -आरके पाल, अधिशासी अभियंता (पर्यावरण), नगर निगम
बीते तीन वर्षों में स्वीकृत धन
148 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्वीकृत हुए
56.25 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2021-22 में आवंटित हुए
28.32 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष के अगस्त माह में आवंटित हुए
80 करोड़ रुपये 15 दिन पहले आवंटित हुए
नगर विकास मंत्री ने मांगा ब्योरा
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने नगर निगम को पत्र लिखकर वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए आवंटित धन के खर्च का ब्यौरा एक हफ्ते में मांगा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस धनराशि के निर्धारित समय में उपयोग और अनुमन्य कार्यों पर शत प्रतिशत खर्च किए बिना आगामी किस्तों की धनराशि मिलना संभव नहीं है।
2019 में शुरू हुई थी वायु गुणवत्ता सुधार योजना
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शुरू किया। इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक हवा में मौजूद पीएम-10 के स्तर में 40 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित है। एनसीएपी और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत नगर निगम को अनुदान के रूप में किस्तों में धनराशि उपलब्ध कराई गई है, जिसका पूरा उपयोग नहीं किया गया है।

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