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यूपी की सियासत, जाने इन तस्वीरों के क्या हैं मायने?

Nilmani Pal
13 April 2022 2:19 AM GMT
यूपी की सियासत, जाने इन तस्वीरों के क्या हैं मायने?
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यूपी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) के पहले कार्यकाल में कभी ऐसी तस्वीर नहीं दिखी, जब दोनों उपमुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पास एक टीम के तौर पर हाजिरी लगाई हो, लेकिन योगी 2.0 सरकार में यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की नई टीम की नई कहानी कहती है. इन तस्वीरों के क्या हैं मायने? क्यों योगी आदित्यनाथ की दूसरी पारी में अब टीम पर बीजेपी आलाकमान ने अपना जोर लगाया है?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को फूलों का गुलदस्ता देते नजर आते हैं, लेकिन इन तस्वीरों के मायने यूपी की सियासत के लिहाज से कुछ और ही कहानी कहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दूसरे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. उसके बाद यह तीन नेताओं की टीम प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंची और आखिर में इन तीनों लोगों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

सियासी जानकार इस मीटिंग को लेकर कई तरह के अनुमान लगा रहे हैं. सबसे पहला अनुमान यह है कि बीजेपी आलाकमान अब यूपी को एक टीम के रूप में देखना चाहता है, जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच कोई विरोध या विरोधाभास ना हो. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य की आपस में नहीं बनती थी और कानून मंत्री रहे बृजेश पाठक के रिश्ते योगी से सुलभ नहीं थे, लेकिन इस बार दिल्ली दरबार में लगाई जा रही हाजिरी की वजह साफ है कि बीजेपी हाईकमान और सरकार के सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह उत्तर प्रदेश में किसी तरीके का आपसी कलह नहीं चाहते.

दरअसल, इस बार विधानसभा में अखिलेश यादव ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है और करीब सवा सौ सीटें लेकर बीजेपी के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं. 2 साल बाद 2024 का लोकसभा चुनाव है. ऐसे में बीजेपी इस बार योगी की बजाए टीम योगी को आगे कर रही है जिसमें योगी के साथ-साथ एक पिछड़ा और एक ब्राह्मण चेहरा भी बराबरी का नजर आए.

एक सच्चाई यह भी है कि सरकार बनने के बाद यूपी के सभी बड़े नेता दिल्ली दरबार में अकेले-अकेले हाजिरी लगा रहे थे. कभी केशव मौर्य प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री रक्षा मंत्री और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिल रहे थे, तो इसी तर्ज पर बृजेश पाठक ने भी शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की. ऐसे में भला प्रदेश अध्यक्ष और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भला कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने भी अलग-अलग सभी नेताओं से मुलाकात कर ली.

शीर्ष नेताओं की दिल्ली दौड़ शायद दिल्ली को नहीं भाई, इसीलिए सभी बड़े नेताओं को एक साथ एक टीम की तरह दिल्ली बुलाया गया और इस शिष्टाचार भेंट को कुछ इस तरीके से प्लान किया गया कि जिससे यह संदेश जाए कि अब उत्तर प्रदेश में 'एकला चलो' की नहीं, बल्कि एक टीम काम कर रही है जिसके मुखिया योगी आदित्यनाथ हैं.

यह टीम का ही असर है कि जब आज उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नतीजे आए तो दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने एक साथ पहुंचकर योगी आदित्यनाथ को बधाई दी. यानी अब हर मुमकिन कोशिश यही हो रही है कि तीनों नेता योगी आदित्यनाथ केशव मौर्य और बृजेश पाठक एक पेज पर दिखाई दें, एक टीम के तौर पर दिखाई दें और किसी तरह का कोई मतभेद सामने नहीं दिखाई दे.




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