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राजनीति: नीतीश कुमार पर टिप्पणी बीजेपी को पड़ी महंगी! जानें कैसे?

jantaserishta.com
17 April 2022 8:25 AM GMT
राजनीति: नीतीश कुमार पर टिप्पणी बीजेपी को पड़ी महंगी! जानें कैसे?
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पटना: बिहार की सियासत में एक नया दौर शुरू हुआ है. वो दौर है टोपी ट्रांसफर का. बिहार में दो सहयोगी दल मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन दोनों दलों में तालमेल का इतना अभाव है कि लगातार दोनों दलों की ओर से सियासी बयानबाजी जारी रहती है. अब बोचहां विधानसभा उपचुनाव के बाद बिहार की सियासी फिजां में अलग तरह के बयान तैरने लगे हैं. बोचहां उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद सहयोगी दल यानी जदयू के नेता मुखर हो गए हैं. कहा जा रहा है कि जदयू अंदर ही अंदर काफी खुश है. बोचहां की करारी हार पर सहयोगी दल जदयू ने तंज कसा है. जेडीयू के एमएलसी ने कहा कि हाल के दिनों में बीजेपी नेताओं की ओर से सीएम नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणी बोचहां में हार का प्रमुख कारण है.

मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर हुए उपचुनाव के बाद जदयू के एमएलसी खालिद अनवर ने बयान दिया है. उन्होंने सहयोगी बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में एनडीए के लीडर नीतीश कुमार हैं. इसके बाद भी एनडीए के कुछ नेता नीतीश कुमार पर ही उंगलियां उठाकर वाहवाही बटोरना चाहते थे . जिसके कारण नीतीश कुमार को चाहने वालों को काफी तकलीफ हुई है. यही कारण है कि बोचहां में बीजेपी को सफलता नहीं मिली.
बोचहां में बीजेपी उम्मीदवार की हार का कारण एनडीए के लीडर को अपने घटक दल के कुछ नेताओं द्वारा सम्मान नहीं किया जाना माना जा रहा है. सहयोगी दलों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से एनडीएं के कुछ नेताओं ने ऐसा माहौल बनाया था कि एनडीए का बिहार में कई नेता नहीं है. खालिद अनवर कहते हैं कि बोचहां में हुई हार सबके लिए चिंता का विषय है, लेकिन एनडीए के साथ बीजेपी को इस पर समीक्षा करनी होगी. एनडीए के बड़े नेताओं को इस विषय पर सोचना होगा क्योंकि अब 2024 का लोकसभा चुनाव हम सबके सामने है.
उधर, बोचहां रिजल्ट के बाद कहा जा रहा है कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने यहां जो रणनीति बनाई उसमें कुछ भी ठीक नहीं था. बोचहां के चुनाव प्रभारी और एमएलसी देवेश कुमार ने चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी ली है. कहा है कि इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं, जल्द इसकी समीक्षा की जाएगी. जो कमी है, उसे दूर किया जाएगा. देवेश कुमार ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान कहीं कोई भीतर घात नहीं हुआ और सहयोगी जदयू का भी भरपूर साथ मिला. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बोचहां में जाकर चुनाव प्रचार किया था.
बोचहां में लड़ाई इस बार तीन तरफ से रही, राजद के अमर पासवान को 82 हजार 547 वोट मिले और बीजेपी की बेबी कुमारी को मात्र 45 हजार 889 वोट मिले. आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बोचहां सीट से वीआईपी के प्रत्याशी रहे मुसाफिर पासवान चुनाव जीते थे. उनके निधन के बाद इस सीट पर उप चुनाव हुए हैं. मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को राजद ने उम्मीदवार बनाया था.
इधर बोचहां के रिजल्ट के बाद वीआईपी में भी खुशी की लहर है. भले ही मुकेश साहनी की वीआईपी इस विधानसभा उपचुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनी हो, लेकिन इसके बावजूद मुकेश साहनी के आवास पर रंग गुलाल उड़े और मिठाइयों का दौर चला. मुकेश सहनी चुनाव में अपनी हार से ज्यादा भाजपा की हार पर खुश हैं. चुनाव में जनता के फैसले को स्वीकार करते हुए मुकेश साहनी ने कहा कि जनता ने अपने विवेक से वोट दिया है .उन्होंने वीआईपी को 18% वोट मिलने पर वहां के मतदाताओं को धन्यवाद दिया. भाजपा पर हमला करते हुए मुकेश साहनी ने कहा कि वहां के मतदाताओं ने लोकतंत्र में छल कपट करने वाली पार्टी को हराकर साबित कर दिया कि लोकतंत्र में अहंकार की कोई जगह नहीं होती है. कुल मिलाकर अब जदयू और बीजेपी नेताओं के बीच बयानबाजी का एक और दौर शुरू हो जाएगा.


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