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तमिलनाडु में राजनीतिक पाटिर्यों ने राज्यपाल के पास फिर भेजा जाएगा नीट विरोधी विधेयक, भाजपा ने बैठक में नहीं लिया भाग
Apurva Srivastav
5 Feb 2022 6:02 PM GMT
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि पर अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वाह नहीं करने का आरोप लगाया है।
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि पर अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वाह नहीं करने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने राज्य के नीट विरोधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र के पास अग्रसारित नहीं किया।
स्टालिन की अगुआई में हुई बैठक में पार्टियां ध्वनिमत से विधेयक को दोबारा राज्यपाल के पास भेजने पर सहमत हुईं। इस विधेयक में तमिलनाडु को नीट से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। बैठक में अन्नाद्रमुक और भाजपा ने भाग नहीं लिया।
स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक
सचिवालय में स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने और फिर से विधेयक पारित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए फिर से राज्यपाल के पास विधेयक को भेजने पर सभी पार्टियों ने सहमति जताई। राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए राज्यपाल विधेयक को केंद्र को अग्रसारित करेंगे।
द्रमुक की पुडुचेरी इकाई ने तमिलनाडु के राज्यपाल की आलोचना की
पुडुचेरी : द्रमुक की पुडुचेरी इकाई ने नीट से राज्य को बाहर रखने की मांग वाले विधेयक को विधानसभा को लौटाने के लिए राज्यपाल रवि की आलोचना की है। द्रमुक ने कहा है कि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन और गरीब छात्रों के डाक्टर बनने के सपने को तबाह करने वाला कदम है।
नीट मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा
वहीं, दूसरी ओर नीट मुद्दे को लेकर संसद में भी बहस गर्माई हुई है। द्रमुक, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने शुक्रवार को नीट मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। तमिलनाडु के राज्यपाल के नीट से छूट विधेयक लौटाने के फैसले से नाराज तीनों दलों के सदस्य सदन से उठकर चले गए। द्रमुक सदस्य इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति एम. वेंकैया नायडू इससे सहमत नहीं हुए। सभापति ने उन्हें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान मामला उठाने के लिए कहा। कांग्रेस सदस्यों के समर्थन पर द्रमुक सदस्य सदन के वेल में चले आए।
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