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प्रधानमंत्री गति 'शक्ति नेशनल मास्टर प्लान' के जरिए बनेंगी नीतियां, जानिए पीएम मोदी का प्रोजेक्ट

Kunti Dhruw
13 Oct 2021 6:44 PM GMT
प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए बनेंगी नीतियां, जानिए पीएम मोदी का प्रोजेक्ट
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सरकारी प्लानिंग और वर्क कल्चर के बारे में कहा जाता रहा है.

सरकारी प्लानिंग और वर्क कल्चर के बारे में कहा जाता रहा है कि दाहिने हाथ को भी नहीं पता होता था कि बायां हाथ क्या कर रहा है. मतलब हमारे यहां एक विभाग क्या कर रहा है. ये दूसरे विभाग को पता नहीं होता. लेकिन अब इस कमी को दूर करने के लिए और सरकारी योजनाओं को शक्ति और गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसका नाम है प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान. पीएम मोदी ने इस योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत रेल और सड़क समेत 16 मंत्रालयों को डिजिटली कनेक्ट किया जाएगा. प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर 100 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत के निर्माण को नई ऊर्जा देगा. उनके रास्ते की रुकावटों को दूर करेगा. भारत के विकास को गति देगा.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय को शामिल किया है. इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है. उन सबको गति शक्ति यानी एक ही मास्टर प्लान के अंतर्गत डाला जाएगा.
गति शक्ति के तहत जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम आधारित प्लानिंग, रूट प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सैटेलाइट तस्वीरों के इस्तेमाल जैसे कई काम टेक्नोलॉजी की मदद से किए जा सकेंगे. हर मंत्रालय को अलग लॉगइन आईडी दी जाएगी, जिसमें वो नियमित रूप से अपने डेटा को अपडेट कर पाएंगे. ये सभी डेटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे. इस प्लेटफॉर्म के जरिए हर मंत्रालय एक-दूसरे के काम पर भी नज़र रख सकेगा और इससे कलेक्टिव रेस्पॉन्सिबिलिटी बढ़ेगी. इसमें सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और एक्सपर्ट्स होंगे. ये लोग सैटेलाइट से लिए गए 3-डी इमेज के जरिए उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे.
सरकारी कार्य अविश्वास का प्रतीक बन गया
संक्षेप में इसे ऐसे समझिए कि कहीं अगर नेशनल हाईवे बन रहा है या बनने वाला है तो ये ग्रुप थ्री डी इमेज के जरिए बताएगा कि सड़क किस रास्ते से जाए. रास्ते में कहां जंगल आएगा. उससे बचकर कैसे दूसरी तरफ से सड़क ले जाई जा सकती है. साथ ही ये ग्रुप दूसरे मंत्रालय को भी जानकारी देगा कि ये सड़क बन रही है और अगर आपको केबल बिछानी है या गैस पाइप लाइन ले जानी है, तो आप बेहतर को-ऑर्डिनेशन से पहले ही काम कर लीजिए, जबकि पहले इसी काम के लिए हर विभाग अलग-अलग काम करता था, जिसमें ज्यादा समय, श्रम और लागत आता था.
शहर से लेकर गांवों तक, गली से मुहल्लों तक, जहां कहीं भी पीले रंग का ये बोर्ड दिखता था. ऐसा लगता था कि कार्य प्रगति पर है. कंस्ट्रक्शन की तैयारी चल रही है, लेकिन महीनों का काम सालों में और कई काम तो बरसों तक पूरे नहीं होते थे, जिसके कारण येलो कलर का ये बोर्ड सुस्त काम का संकेतक बन गया. सरकारी कार्य अविश्वास का प्रतीक बन गया, लेकिन आज 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है.
अब उदाहरण के जरिए समझिए कि सरकारी काम-काज से लोगों का भरोसा कैसे टूटता गया. हमने-आपने सब लोगों ने अपने आसपास सड़कें बनते देखी हैं. ये भी देखा है कि सड़कें बनने के कुछ ही समय बाद उसकी दोबारा खुदाई होती है. कारण ये बताया जाता है कि इसके नीचे पाइप लाइन या ऑप्टिकल फाइबर डालना है या बगल में नाले का निर्माण करना है. इसके कारण वहां डायवर्जन बना दिया जाता है और जाम लगता रहता है. इसी तरह कहीं बंदरगाह का निर्माण तो हो जाता है, लेकिन वहां आसपास रोड और रेल कनेक्टिविटी नहीं बनाई जाती है, तो करोड़ों का प्रोजेक्ट रुका हुआ दिखता है.
प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए जोड़ने का संकल्प लिया गया
दरअसल ये सब समन्वय यानी को-ऑर्डिनेशन की कमी के कारण होता रहा है. इससे बजट की भी बर्बादी होती है और सबसे बड़ा नुकसान-शक्ति का विभाजन है, जिसे प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए जोड़ने का संकल्प लिया गया है. प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान को और सरल तरीके से ऐसे समझिए कि अगर कहीं रेल लाइन बिछानी है, तो इसके लिए रेलवे के साथ-साथ सड़क परिवहन, नौवहन, विमानन, पर्यावरण, ऊर्जा, पेट्रोलियम, गैस, बिजली जैसे सभी विभाग को एक साथ जोड़ा जाएगा. मतलब ऐसे प्रोजेक्ट के लिए एक ही छत के नीचे सारा डिपार्टमेंट होगा. केंद्र से लेकर राज्य तक और लोकल स्तर तक संबंधित विभाग एक ही पोर्टल पर काम करेंगे, ताकि कहीं को-ऑर्डिनेशन की कमी ना हो और इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम बेरोकटोक जारी रहे.
मतलब प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए लटकाने और भटकाने का जमाना पीछे छूटेगा. मिल बैठकर नीतियां बनेंगी और 21वीं सदी के भारत की गति को एक नई शक्ति मिलेगी. दरअसल, 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने गति शक्ति प्रोजेक्ट का ऐलान किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत अब महत्वपूर्ण इन्फ्रा डेवलपमेंट का काम कॉमन टेंडरिंग के ज़रिए होगा जैसे ग्रीनफील्ड रोड, रेल, ऑप्टिकल फाईबर, गैस पाईपलाईन, इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए एक ही टेंडर जारी किया जाएगा ताकि केंद्र और राज्यों की अलग अगल एजेंसियां और लोकल अथॉरिटी के साथ साथ प्राईवेट सेक्टर बेहतर तालमेल के साथ काम को अंजाम दे सके.


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