चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के आंकलन को लेकर आंकलन प्रपत्र (एसैसमेंट प्रोफॉर्मा) तैयार करते हुए उन्हें वितरित किया गया है। इस प्रपत्र में अलग-अलग रैंक पर कार्यरत पुलिसकर्मियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को परिभाषित करते हुए मुख्य निष्पादन संकेतक (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) तैयार किए गए हैं। प्रत्येक कार्य को लेकर अधिकारी अथवा कर्मचारी की जवाबदेही तय करते हुए उन्हें अलग से अंक दिए जाएंगे ताकि पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बनाया जा सके। इसे लेकर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्तों, रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों, आई.जी., पुलिस अधीक्षकों, पुलिस उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षक रेलवे अम्बाला कैंट सहित अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि आंकलन प्रपत्र को तैयार करते समय प्रत्येक अधिकारी अथवा कर्मचारी के उत्तरदायित्वों का बारीकी से अध्ययन करते हुए इन्हें बिंदुवार परिभाषित किया गया है। प्रत्येक पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी इस प्रपत्र में वर्णित बिंदु अनुसार काम करते हुए खुद को नंबर देंगे। जो पुलिसकर्मी निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्य नहीं करेंगे, उनके लिए आंकलन – प्रपत्र में बैगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान किया गया है। आंकलन प्रपत्र में पुलिसकर्मी को समग्र आंकलन के आधार पर 10 नंबर संबंधित पुलिस आयुक्त तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा अलग से दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है।
कपूर ने कहा कि इस प्रपत्र के तैयार होने से जहां सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्य को लेकर स्पष्टता होगी वहीं उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। इसके साथ ही सभी को अपने प्राथमिकता क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रपत्र में निर्धारित मुख्य निष्पादन संकेतक (के. पी.आई.) के माध्यम से पुलिसकर्मी अपने कार्यक्षेत्र पर ध्यान केंदित करते हुए कार्य करेंगे ताकि वे स्वयं अपने काम का आंकलन करते हुए इसमें सुधार करें। इस आंकलन प्रपत्र के परिणामों के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। कपूर ने बताया कि विभाग द्वा इस प्रकार के 7 अलग-2 प्रपत्र तैयार किए गए हैं जिसमें उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का स्पष्टता से उल्लेख किया गया है। प्रत्येक अधिकारी अथवा कर्मचारी को उनके कार्यों के अनुरूप अलग-2 श्रेणियों में विभाजित करते हुए प्रपत्र निर्धारित किए गए हैं।
श्रेणियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सुपरवाइजरी अधिकारी जैसे ए.एस.पी., डी.एस.पी. तथा ए.सी.पी. को एक श्रेणी में रखते हुए प्रपत्र तैयार किया गया है। इसी प्रकार, एस.एच.ओ. तथा पुलिस पोस्ट इंचार्ज को अन्य श्रेणी में, तीसरी श्रेणी में क्राइम यूनिट इंचार्ज, चौथी श्रेणी में हैड कांस्टेबल से लेकर पुलिस थाने तथा पुलिस चौकी में नियुक्त के जांच अधिकारियों को रखा गया है। क्राइम यूनिट में तैनात पुलिसकर्मियों तथा अन्य इंचार्जिज की अलग से श्रेणी बनाते हुए प्रपत्र तैयार किया गया है। ग्राम प्रहरियों को कार्यों के अनुरूप अलग श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा, तभी अन्य पुलिसकर्मियों को उनके कार्यों के अनुसार एक अलग श्रेणी में रखते हुए प्रपत्र तैयार किया गया है। आदेशों में पुलिस महानिदेशक द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस दौरान सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधीनस्थ सभी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी इस आंकलन प्रपत्र के अनुरूप कार्य करें। इस प्रयोग के सकारात्मक परिणामों को ध्यान में रखते हुए अब इसे पुलिस विभाग में लागू किया गया है। कपूर ने कहा कि आंकलन प्रपत्र को तैयार करते समय शिकायतकर्ता की संतुष्टि को सर्वोपरि रखा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा थानों आदि में दर्ज शिकायतों पर की गई कार्रवाई को लेकर शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है।