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पुलिस वाले व्हाट्सएप पर भेज देते थे प्री-अरेस्ट वारंट, SC ने लगाई रोक

Nilmani Pal
28 Jan 2025 2:15 AM GMT
पुलिस वाले व्हाट्सएप पर भेज देते थे प्री-अरेस्ट वारंट, SC ने लगाई रोक
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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को एक खास निर्देश दिया है। इसके तहत कुछ धाराओं में वॉट्सऐप पर प्री-अरेस्ट वारंट भेजने से मना कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 41ए और सेक्शन 35 के तहत संज्ञेय अपराध के किसी आरोपी को वॉट्सऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्री-अरेस्ट नोटिस न भेजी जाए। बीएनएनएस की दोनों धाराओं में प्रावधान है कि मामले में जांच अधिकारी पहले आरोपी के खिलाफ हाजिर होने का नोटिस जारी करेगा। अगर वह पुलिस अधिकारी के सामने हाजिर होकर जांच में सहयोग करता है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस बिना सेक्शन 41ए में नोटिस जारी किए लोगों को गिरफ्तार करके अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। अदालत मित्र सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा के सुझाव को स्वीकार करते हुए जस्टिस एमएम सुंद्रेश और राजेश बिंदल की बेंच ने आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी पुलिस मशीनरी को आदेश दें कि केवल बीएनएसएस 2023 के तय मानकों के हिसाब से ही नोटिस जारी की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहाकि वॉट्एसऐप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भेजी गई नोटिस बीएनएसएस 2023 के तय मानकों को पूरा नहीं करती है। लूथरा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसले की नजीर दी। इस फैसले में शीर्ष अदालत ने पुलिस को बिना सीआरपीसी के सेक्शन 41ए का पालन किए एक शख्स को गिरफ्तार करने से रोक दिया था। इस व्यक्ति ने ऐसा जुर्म किया था, जिसमें उसे सात साल तक की सजा हो सकती थी।


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