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लखनऊ: पुलिस विभाग में जब किसी सिपाही की भर्ती होती है, तो उसे बंदूक चलाना सिखाया ही जाता है. हर पुलिसकर्मी को बंदूक चलाना आता ही आता है. मगर, तब क्या हो जब एसआई स्तर के पुलिसकर्मी को यह भी पता नहीं हो कि बंदूक में गोली कहां से डाली जाती है.
ऐसा ही वाक्या यूपी के संत कबीर नगर में सामने आया है. दरअसल, मंगलवार को बस्ती मंडल के डीआईजी आरके भारद्वाज थानों का निरीक्षण करने निकले थे. इसी दौरान वह खलीलाबाद कोतवाली पहुंचे.
थाने में निरीक्षण के दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों का कौशल देखने के लिए सभी हथियार (सर्विस हथियार) ऑपरेट करके दिखाने को कहा. इस दौरान पिस्टल, टीयर गन आदि ऐसे हथियारों को ऑपरेट कराया गया, जो कभी भी पुलिसकर्मियों को उपयोग करना पड़ा सकता था.
डीआईजी के सामने खड़े पुलिसकर्मी हथियारों को ऑपरेट करके दिखा रहे थे. बंदूक चलाने के दौरान एक एसआई को यह भी पता नहीं था कि गोली कहां से डाली जाती है.
उसने डीआईजी के सामने बंदूक की नदी में गोली डाली और फायर करने की कोशिश की. इसे देख डीआईजी खुद हैरान रह गए. वहीं, जवान के पास खड़े दूसरे पुलिसकर्मी भौंचक्के रह गए.
पुलिस विभाग के जूनियर और सीनियर दोनों स्तर के पुलिसकर्मियों की इस हालत को देखकर डीआईजी भारद्वाज ने कहा, ''जवान पिस्टल ओपन नहीं कर पा रहे हैं. जाहिर है कि आपात स्थिति में इनकी जान भी जा सकती है.''
डीआईजी भारद्वाज ने पुलिसकर्मियों को कड़ा प्रशिक्षण दिए जाने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही कहा है कि सभी को आपात स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहा चाहिए. सभी जवान लगातार प्रैक्टिस करते रहें.
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