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नक्सलियों के शीर्ष नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा
नक्सलियों के शीर्ष नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, उनकी पत्नी शीला मरांडी व अन्य चार सहयोगियों को सात दिनों की रिमांड अवधि खत्म होने पर रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सदर अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेशी कर शाम में पुन: न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि प्रशांत बोस, पत्नी शीला मरांडी समेत सभी छह को पुलिस पूछताछ के लिए दोबारा रिमांड पर लेगी। इसके लिए पुलिस द्वारा सोमवार को कोर्ट में रिमांड के लिए अर्जी देगी। इसे लेकर पुलिस की तैयारी पूरी है। अगर कोर्ट से रिमांड मिल जाती है तो पुलिस फिर से नक्सली नेता प्रशांत समेत सभी छह को पूछताछ के लिए विभिन्न जगहों पर ले जायेगी।
दोपहर लगभग बारह बजे नक्सली नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा सहित अन्य चार सहयोगियों वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बहांदा व गुरुचरण बोदरा को रांची से सदर अस्पताल लाया गया था। सदर अस्पताल में किशन दा का बीपी, शुगर व यूरिन टेस्ट किया गया, जिसमें सबकुछ सामान्य पाया गया, जबकि बाकी सहयोगी भी चिकित्सीय जांच में सामान्य मिले।
तीन बजे कड़ी सुरक्षा में लायी गयीं शीला मरांडी, कोरोना रिपोर्ट निगेटिव : दोपहर लगभग तीन बजे शीला मरांडी को कड़ी सुरक्षा के बीच सदर अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मेडिकल जांच की गयी। बताया गया कि शीला मरांडी का रांची के किसी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जिसके कारण उन्हें लाने में देर हुई। नक्सली नेता प्रशांत समेत अन्य छह का कोरोना टेस्ट भी किया गया, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली।
नक्सलियों की रिमांड खत्म होने पर जिला पुलिस प्रशासन चौकन्ना रहा। सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्वयं जिले के एसपी आनंद प्रकाश, अभियान एएसपी अभियान पुरुषोत्तम कुमार, डीएसपी चंदन वत्स, चांडिल एसडीपीओ संजय कुमार व सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार मुस्तैद दिखे।
12 नवंबर को पुलिस की गिरफ्त में आये थे
जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र के गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास 12 नवंबर को एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस उर्फ बूढ़ा एवं उनकी पत्नी शीला मरांडी, वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बाहन्दा और गुरुचरण बोदरा पुलिस की गिरफ्त में आये थे, जिन्हें 14 नवंबर को सदर अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद पूछताछ को लेकर पुलिस ने 15 नवंबर को नक्सली प्रशांत बोस समेत छह को सात दिनों की रिमांड पर लिया था। पुलिस के आलाधिकारी नक्सलियों को अपने साथ कड़ी सुरक्षा में लेकर सुरक्षित स्थान पर चले गये थे, जहां पूछताछ की गयी। इस दौरान इन सभी से नक्सली गतिविधियों की जानकारी ली गयी।
25 गाड़ियों के काफिले के साथ लाये गये सरायकेला : रांची से 25 गाड़ियों के काफिले के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच नक्सली नेता प्रशांत समेत छह नक्सलियों को सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया। इस दौरान सदर अस्पताल से कोर्ट व कोर्ट से मंडल कारा सरायकेला तक पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील रहा। सरायकेला जिले के एसपी आनंद प्रकाश स्वयं सुरक्षा की कमान संभाल रहे थे।
इन्हें भेजा गया जेल
* प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा (पिता : ज्योतिंद्र नाथ सांन्याल), 7/12 सी, विजयगढ़ कॉलोनी, जादवपुर, कोलकाता
* शीला मरांडी (पति : प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, पति : स्व. भादो हांसदा), नावाटांड़, मनियाडीह, धनबाद
* वीरेंद्र हांसदा उर्फ जितेंद्र (पिता : मोतिलाल हांसदा), चतरो, खुरखुरा, गिरिडीह
* राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजू (पिता : जयसिंह टुडू), करमाटांड़, नौखनिया, पीड़टांड़, गिरिडीह
* कृष्णा बाहंदा उर्फ हेवेन (पिता : स्व. चमरा बाहंदा), अमराय कितापी, गोईलकेरा, प. सिंहभूम
* गुरुचरण बोदरा (पिता : गुलाब सिंह), मदंगजाहीर, सोनुआ, प. सिंहभूम
जेल की बढ़ायी गयी सुरक्षा, तीन प्लाटून कंपनी के सुरक्षा बल तैनात
नक्सली प्रशांत बोस, शीला मरांडी व अन्य चार को जेल भेजे जाने के बाद मंडल कारा सरायकेला की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। जेल के अंदर सैट की एक कंपनी के जवान को प्रतिनियुक्त किया गया है, जबकि जेल परिसर व जेल के बाहर झारखंड जगुवार की दो टुकड़ियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। इसके अलावा सरायकेला जिला बल के 250 जवानों को जेल की सुरक्षा में लगाया गया है। पूरे जेल की सुरक्षा व्यवस्था सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार की निगरानी में है। जेल की सुरक्षा ऐसी है कि मानो परिंदा भी पर न मार सके। अस्पताल से कोर्ट तक सड़क बनी पुलिस छावनी : अस्पताल से लेकर कोर्ट व कोर्ट से मंडल कारा लगभग दो किमी की सड़क पुलिस छावनी में बदल गयी है। नक्सली प्रशांत बोस व सहयोगियों को जेल भेजे जाने के बाद पूरे राज्य के साथ जिला पुलिस भी अलर्ट मोड में है। एसपी द्वारा सुरक्षा को लेकर सभी थाना प्रभारियों को विशेष अलर्ट जारी किया गया है।
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