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पुलिस ने की फिल्मी अंदाज में कार्रवाई, CISF में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को दबोचा

Nilmani Pal
6 Feb 2022 2:10 AM GMT
पुलिस ने की फिल्मी अंदाज में कार्रवाई, CISF में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को दबोचा
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खुलासा

झारखंड। रांची के धुर्वा थाने की पुलिस ने सीआईएसएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने रैकेट चलाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक को पुलिस ने धुर्वा से पकड़ा जबकि दूसरे को पुंदाग से। पकड़े गए आरोपियों में गोड्डा निवासी प्रेम कुमार मंडल और बिहार के कैमूर के संतोष कुमार रजक शामिल हैं। इनके पास से सीआईएसएफ की फर्जी मुहर, वर्दी, युवकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र और बहाली से जुड़े फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि आरोपियों ने गिरोह के सदस्यों के नामों का भी खुलासा किया है। इस मामले में उत्तराखंड के चम्पावत निवासी सचिन सिंह ने ठगी का मामला दर्ज कराया था। सचिन की शिकायत पर ठगों की तलाश करते हुए पुलिस धुर्वा के डीटी क्वार्टर एरिया स्थित फर्जी क्वारंटाइन सेंटर पहुंची। दूसरे राज्यों से आए युवकों को ठगों ने यहीं रखा था। पूछताछ में युवकों ने पुलिस को बताया कि वे सीआईएसएफ में बहाली के लिए रांची आए हैं। प्रेम और संतोष ने उनसे कहा था कि वे लोग बाहर से आए हैं, इसलिए उन्हें क्वारंटाइन रहना है।

दोनों आरोपियों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने ठगों को दबोचने का जाल बिछाया। पुलिस के कहने पर एक युवक ने उस ठग को फोन किया। बताया कि उनका एक साथी गिर गया है और उसका सिर फट गया है। इसे डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी है। तब ठग ने उस युवक से कहा कि जिसका सिर फटा है, उसे वीडियो पर दिखाएं। एक युवक को पट्टी बांधकर वीडियो कॉल पर दिखाया गया। इसके बाद प्रेम वहां पहुंचा। सादे लिबास में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे उसी समय दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके साथी संतोष को भी पकड़ा।

पुलिस ने बताया ने बताया कि आरोपी प्रेम व संतोष ने पंजाब, हरियाण, उतराखंड, उतरांचल, राजस्थान समेत कई राज्यों में आधा दर्जन से ज्यादा एजेंट बहाल कर रखे थे। एजेंट लोगों को सीआईएसएफ में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इसके बाद वे ठगों से युवकों का संपर्क कराकर रांची भेजते थे। मेडिकल चेकअप के बाद ठग युवकों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता था। उसके बाद तय राशि ली जाती है। पुलिस अब उन एजेंटों की तलाश में जुट गई है। सीआईएसएफ के नाम पर ठगी के आरोपियों ने धुर्वा का डीटी क्वार्टर भाड़े पर ले रखा था। उस कमरे में उसने बेड व अन्य दवाइयां रखकर क्वारंटाइन सेंटर बना दिया था। जब धुर्वा पुलिस पीड़ित सचिन के साथ कोरंटाइन सेंटर पहुंची तो वहां पर विभिन्न राज्यों से आये 14 नौजवान मिले। ये सभी नौजवान पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड आदि के निवासी थे। सभी को पुलिस अपने साथ थाना लायी। उनका भी बयान दर्ज किया गया। ठगों ने इन युवाओं से 42 लाख रुपए लिये थे। प्रत्येक युवा से तीन लाख रुपए लिए गए थे। सभी से कहा गया था कि मेडिकल जांच के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।


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