बिहार के फारबिसगंज के झिरुआ पुरवारी में स्मैक कारोबारी को पकड़ने गई सिमराहा पुलिस पर ग्रामीण महिलाओं एवं पुरुषों ने हमला कर दिया। इस दौरान तीन दारोगा सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। बाद में ग्रामीण गिरफ्तार बदमाश को भी छुड़ाकर ले गए। घटना की सूचना पर पहुंचे फारबिसगंज डीएसपी रामपुकार सिंह, अररिया एसडीपीओ पुष्कर कुमार सहित कई थानों की पुलिस जब हरकत में आई तो सभी उपद्रवी भाग खड़े हुए।
पुलिस ने गांव में छापेमारी भी की, जिसमें एक गिरफ्तार किया गया है जबकि आरोपी के कार सहित अन्य सामानों को पुलिस ने जब्त कर लिया। घायलों में सिमराहा थाना के सब इंस्पेक्टर गोपालजी सिंह, एएसआई गोरे लाल एवं शिव बचन दास तथा सिपाही आनंद साह प्रमुख है। तीनों घायल पुलिस पदाधिकारी व सिपाही को स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज कराया गया है। घटना के संबंध में सिमराहा थाना अध्यक्ष साजिद आलम ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सिमराहा पुलिस ने गुड्डू को स्मैक कारोबारी मोहम्मद मूसा के दरवाजे से पकड़ लिया। मगर गुड्डू, मूसा एवं पूर्व पैक्स चेयरमैन मोहम्मद जावेद जो स्मैक कारोबारी के साथ है, असामाजिक तत्वों, अभियुक्तों के परिजनों, बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष द्वारा पुलिस पर हमला कर अभियुक्त को छुड़ा ले गए। बाद में छापामारी कर स्मैक कारोबारी के कार व स्कूटी को जब किया गया है। पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया गया है। थानाध्यक्ष ने इस हमले में तीन पदाधिकारी एवं एक सिपाही के घायल होने की पुष्टि की है। बताया जाता है कि अभियुक्त को छुड़ाने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं पुलिस की पिटाई शुरू कर दी।
दरअसल गिरफ्तार अभियुक्त को पुलिस ने जीप पर बैठा लिया लेकिन जीप को निकालते समय जीप कीचड़ में फंस गई, इसी दौरान गांव की महिलाएं लाठी, डंडा, झाड़ू, हंडी, बेलना, बाल्टी आदि विभिन्न सामानों के साथ आकर पुलिस पर हमला कर दिया और फिर अभियुक्त को छुड़ा ले गए। इस संबंध में डीएसपी रामपुकार सिंह ने कहा कि घटना की सूचना पर छापेमारी की गई है और असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। पुलिस पर हमला करने वाले एवं अभियुक्त को छुड़ाने वाले किसी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। घटना को लेकर गांव में दहशत व्याप्त है।