यूपी। जालौन में गर्भवती पत्नी के इलाज के लिए सिपाही को छुट्टी न देने वाले थाना प्रभारी (एसओ) के खिलाफ एसपी ने जांच बिठा दी है। एसपी का कहना है कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर एसओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, इस घटना ने सिपाही विकास को बुरी तरह तोड़ दिया है। सोशल मीडिया पर अपनी दिवंगत पत्नी ज्योति और उसके सीने पर लेटी मृत बच्ची की फोटो के साथ उसने स्टेटस लगाया। सिपाही ने इसमें अपना दर्द बयां किया है। उसने लिखा- माफ कर देना यार दोनों, मेरे बच्चा।
थाना प्रभारी द्वारा आरक्षी के अवकाश के प्रार्थना-पत्र को उच्चाधिकारियों को अग्रसारित नही करने के प्रकरण में की जा रही विभागीय जांच/कार्यवाही के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक जालौन द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/awRnYbtCX0
— JALAUN POLICE (@jalaunpolice) April 21, 2024
छुट्टी न मिलने की वजह से विकास पर गमों का ऐसा पहाड़ टूटा है जिसका दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। बताया जा रहा है कि उसके न पहुंचने के चलते समय से प्रसव नहीं हो सका और गर्भवती पत्नी और बच्चे की मौत हो गई। विकास ने एसओ पर बार-बार मिन्नतों के बावजूद छुट्टी न देने का आरोप लगाया है। विकास की आपबीती के बारे में महकमे के लोगों को पता चला तो हड़कंप मच गया। कहा जा रहा है कि विकास को अफसरों ने छुट्टी तब दी जब उसका सब कुछ खत्म हो चुका था।
2018 बैच के सिपाही विकास दिवाकर की वर्तमान तैनाती रामपुर थाने में है। वह मूल रूप से यूपी के मैनपुरी के कुरावली के गांव बेलाहार का निवासी है। मिली जानकारी के अनुसार विकास की गर्भवती पत्नी ज्योति को प्रसव पीड़ा हो रही थी। वह दर्द कराह रही थी। विकास ने अपनी पत्नी की स्थिति का हवाला देते हुए एसओ अर्जुन सिंह से कई बार छुट्टी मांगी। एक हफ्ते से वह इसकी गुहार लगा रहा था। आरोप है कि विकास की गुहार नहीं सुनी गई। इधर, पत्नी की परेशानी बढ़ती जा रही थी। शुक्रवार को पत्नी की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई। परिवारीजन उसे गांव के अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों की उसकी स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल मैनपुरी के लिए रेफर कर दिया। बाद में विकास की पत्नी को मैनपुरी से आगरा रेफर कर दिया गया। बताया जा है कि विकास की पत्नी को आगरा ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही जच्चा और बच्चा की मौत हो गई। विकास का कहना है कि यदि उसे समय से छुट्टी मिल जाती और वह प्रसव के लिए अपनी पत्नी को बड़े अस्पताल ले जा पाता तो इलाज से शायद उसकी जान बच सकती थी। उसने एसओ पर हिटलरशाही का आरोप लगाया। अपने साथ हुई घटना की शिकायत एसपी ईरज राजा से की। एसपी ईरज राजा ने पूरे मामले के लिए एसओ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसी हालत में छुट्टी नहीं देना गलत है। साथ ही कहा कि सिपाही को मुझे जानकारी देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इस बारे में काफी पहले पत्र जारी कर स्पष्ट कहा गया था कि कुछ थाना प्रभारी अनावश्यक रूप से पुलिस कर्मियों को छुट्टी से रोक रहे हैं। सीओ-एसओ को निर्देशित किया गया था कि छुट्टी देने में किसी को परेशान न किया जाए।
अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी ने कहा कि सिपाही को छुट्टी न देने पर रामपुरा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गई है। जांच सीओ माधौगढ़ द्वारा की गई थी विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सिपाही को 30 दिन की छुट्टी दी गई है।