पुलिस अधिकारी ने थाने में खुद को गोली से उड़ाया, सुसाइड से हड़कंप
झारखंड में पिछले एक साल में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना के 11 जवानों की खुदकुशी या अपने ही हथियार से गोली चलने की वजह से मौत की घटनाएं सामने आई हैं। 25 जुलाई को चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के शीला ओपी स्थित सीआरपीएफ 22वीं बटालियन कैंप में आशीष कुमार नामक जवान ने खुद को गोली से उड़ा लिया था। वह उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर जिले का निवासी था। जुलाई के आखिरी हफ्ते में लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह पिकेट में पदस्थापित जवान प्रमोद सिंह की मौत उसके ही हथियार से गोली चलने की वजह से हो गई थी। 18 जून को बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक सीआईएसएफ जवान संजीत ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी।
31 मई को हजारीबाग डीआईजी आवास में तैनात जिला पुलिस के 31 वर्षीय जवान विकास कुमार ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली थी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। 6 फरवरी को चतरा स्थित सीआरपीएफ 190 बटालियन कैंप में कैलाश चंद मेहरा नामक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला के लोहड़ी गांव का रहने वाला था। वर्ष 2023 के नवंबर महीने में सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना में पदस्थापित सत्यजीत कच्छप ने खुद को गोली से उड़ा लिया था। 24 नवंबर को रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में उत्तराखंड निवासी आर्मी के जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। अक्टूबर, 2023 में पाकुड़ में पदस्थापित झारखंड पुलिस के हवलदार ललन पासवान ने आत्महत्या कर ली थी।