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सिविल ड्रेस में पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा, काटा बवाल

Shantanu Roy
16 May 2024 4:07 PM GMT
सिविल ड्रेस में पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा, काटा बवाल
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क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल
फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद के भुआपुर में एक चोरी के मुकदमे में पूछताछ के लिए गए क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मियों पर एक युवक के साथ मारपीट करने के आरोप लगे हैं। युवक काे घायल हालत में नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। उसका कहना है कि दो पुलिस कर्मी सादी वर्दी में उसके घर गए थे। इस दौरान युवक डर गया था और वहां से भाग गया। बाद में वह दिल्ली में अपने रिश्तेदारों के पास रहा। घायल संदीप के पड़ोसी एडवोकेट मनोज नागर ने बताया कि तीन दिन पहले संदीप के घर पर 2 पुलिसकर्मी पहुंचे थे, जो सादा वर्दी में थे। उन्होंने अपने आप को सेंट्रल क्राइम ब्रांच से बताया था। कहा था कि वह संदीप की कुछ जानकारी जुटाना चाहते हैं और उससे बात करने के लिए आए हैं। संदीप घर पर ही था। संदीप से उनकी कुछ देर बात भी हुई।

दोनों ने संदीप की कुछ डिटेल नोट की और उसका आधार कार्ड अपने पास रख लिया। वकील ने बताया कि पूछताछ के दौरान संदीप घबरा गया। वह मौका पाकर कोल्ड ड्रिंक लाने के बहाने घर से भाग गया। तीन दिन तक संदीप दिल्ली में अपने रिश्तेदारों के यहां रहा और आज ही घर वापस आया था। संदीप के भाग जाने के बाद पुलिस कर्मियों ने संदीप की मां से कहा था कि संदीप के आने के बाद वह उसे फोन कर जानकारी दें। वकील के अनुसार आधार कार्ड वापस लेने के लिए संदीप की मां ने क्राइम ब्रांच के पुलिस कर्मियों को फोन किया था। उन्होंने संदीप के बारे में पूछा। संदीप की मां ने उन्हें मना कर दिया और कहा कि संदीप घर पर नहीं है। फोन काट दिया।

कुछ देर बाद ही एक प्राइवेट गाड़ी में बैठकर सादा कपड़ों में 5 पुलिस कर्मी आए, जिनमें से 2 पहले वाले ही थे। वे संदीप के घर में घुस गए और संदीप की मां को पकड़ लिया। संदीप के साथ अन्य पुलिसकर्मियों ने मारपीट शुरू कर दी। इस मारपीट में एक पुलिसकर्मी ने संदीप के सिर में डंडा मार दिया। डंडा लगने के चलते उसके सिर में काफी खून बहने लगा और संदीप बेहोश हो गया। इसे देख कर सभी पुलिसकर्मी अपनी गाड़ी में तेजी से भाग गए। घटना के बाद संदीप को लेकर बादशाह खान सिविल अस्पताल में पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने पुलिस द्वारा हुई मारपीट करने की बात सुनकर पहले थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराने की बात की। उन्होंने थाने में जाकर डीडी नंबर लाने की बात कह कर उन्हें थाने भेज दिया।
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