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पुलिस कॉन्सटेबल बर्खास्त, अपराधियों का सहयोगी करने के मामले में एसपी ने की कार्रवाई

Nilmani Pal
7 Dec 2021 4:58 PM GMT
पुलिस कॉन्सटेबल बर्खास्त, अपराधियों का सहयोगी करने के मामले में एसपी ने की कार्रवाई
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रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने कॉन्सटेबल धर्मेंद्र गिरी को बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्तगी की चर्चा ना सिर्फ रतलाम में बल्कि मध्य प्रदेश में हो रही है. कॉन्सटेबल का नाम हमेशा अपराधियों के साथ जुड़ रहा था. मामला चाहे मादक पदार्थों की तस्करी का हो या फिर जानवरों की खाल का प्रकरण हो, अपराधियों के साथ लगातार संदेह के घेरे में आनेवाले कॉन्सटेबल की चालाकी धरी की धरी रह गई. उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र में पिछले साल जानवरों की खाल की तस्करी का एक मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने तौसीफ और उसके साथियों को गिरफ्तार किया. प्रकरण में रतलाम के जावरा थाने में पदस्थ धर्मेंद्र गिरी नामक कॉन्सटेबल का नाम उछला. हालांकि पुलिस सीधे-सीधे धर्मेंद्र गिरी से अपराधियों के तार नहीं जोड़ पाई, जिसकी वजह से धर्मेंद्र गिरी उस समय संदिग्ध होकर पुलिस के जाल से बच गया. मामले की सूचना रतलाम एसपी गौरव तिवारी के पास पहुंची तो उन्होंने बेहद गंभीरता से धर्मेंद्र गिरी की मॉनिटरिंग करवाई. जब उज्जैन में खाल तस्करी का मामला सामने आया, उस समय धर्मेंद्र गिरी मेडिकल लीव पर था.

डॉक्टरों की तरफ से उसे बेड रेस्ट की सलाह दी गई थी लेकिन उसकी मोबाइल की डिटेल निकाली गई तो लोकेशन भोपाल में मिला. इस प्रकार धर्मेंद्र गिरी ने मेडिकल लीव को हथियार बनाकर कहीं ना कहीं पुलिस विभाग को भी गुमराह किया. मामले को गंभीरता से लेते हुए रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने धर्मेंद्र गिरी को बर्खास्त कर दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में अनुशासन और सत्यता का पाठ पढ़ाया जाता है लेकिन धर्मेंद्र गिरी ने कहीं ना कहीं पुलिस विभाग के नियमों को तोड़ा है. मामले को गंभीर देखते हुए कॉन्सटेबल को बर्खास्त कर दिया गया है.

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